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मुख्यमंत्री ने समग्र ग्राम्य विकास विभाग का ग्राम्य विकास विभाग में विलय किए जाने के निर्देश दिए

प्रत्येक सोमवार व बृहस्पतिवार को विधायकों से भेंट करेंगे मुख्यमंत्री
उत्तर प्रदेश

लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि प्रत्येक ग्राम पंचायत स्तर पर एक बोर्ड लगाया जाए, जिसमें महत्वपूर्ण सूचनाएं तथा ग्राम प्रधान, ग्राम सचिव, रोजगार सेवक के मोबाइल नम्बर अंकित रहे। साथ ही, इसमें कराये जा रहे कार्याें की सूची और योजनाओं का विवरण भी उपलब्ध रहे। उन्होंने कहा कि ब्लाॅक स्तर तक कर्मियों की बाॅयोमेट्रिक अटेन्डेंस सुनिश्चित की जाए। सड़कों को 15 जून, 2017 के पूर्व गड्ढा मुक्त किया जाए। जहां पूर्व से हैण्डपम्प स्थापित नहीं हैं, वहां पर हैण्डपम्पों की स्थापना की जाए। उन्होंने कहा कि पूरे प्रदेश में कहीं भी पेयजल की समस्या नहीं आनी चाहिए। उन्होंने कहा कि बुन्देलखण्ड में तालाबों के निर्माण व जीर्णाेद्धार का कार्य युद्धस्तर पर किया जाए। इसके लिए विशेष योजना बनाकर हर हाल में जल की समस्या का समाधान किया जाए। रोजगार सेवकों को समय पर भुगतान किये जाने की व्यवस्था सुनिश्चित हो। उन्होंने समग्र ग्राम विकास विभाग को ग्राम्य विकास विभाग के साथ विलय किये जाने के निर्देश दिए।

मुख्यमंत्री ने यह निर्देश आज यहां शास्त्री भवन में ग्राम्य विकास विभाग के प्रस्तुतिकरण के दौरान दिये। उन्होंने प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण, महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारण्टी योजना (मनरेगा), प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना, राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन तथा ग्रामीण पेयजल कार्यक्रम की समीक्षा की।

श्री योगी ने कहा कि प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण के लक्ष्यों की पूर्ति की जाए। सभी लक्षित 5.73 लाख परिवारों का पंजीकरण, फोटो अपलोडिंग, आवासों की स्वीकृति का कार्य शीघ्रता से किया जाए। भारत सरकार की अपेक्षा के अनुसार विषय विशेषज्ञ एवं सहयोगी स्टाफ की तैनाती की प्रक्रिया आरम्भ की जाए। छूटे हुए ऐसे पात्र परिवार जिनका नाम वर्तमान सूची में नहीं है, उन्हंे सम्मिलित करने हेतु केन्द्र सरकार से अनुरोध किया जाए। इस योजना का मुख्य उद्देश्य बेघर एवं कच्चे मकानों में रह रहे गरीब परिवारों को आवास उपलब्ध कराना है। मनरेगा से सम्बन्धित कार्याें में पारदर्शिता लाये जाने के निर्देश देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि क्रियाशील श्रमिकों को आधार बेस्ड पेमेंट सिस्टम से जोड़े जाने की कार्रवाई की जाए। यह सुनिश्चित किया जाए कि प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण के 5.73 लाख लाभार्थियों के पास जाॅब कार्ड हो, जिससे इनके 90 मानव दिवस की मजदूरी उपलब्ध करायी जा सके।

मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्ष 2017-18 के भौतिक लक्ष्य की पूर्ति करते हुए तालाब निर्माण व उनका जीर्णोद्धार, लघु सिंचाई के साथ-साथ बुन्देलखण्ड क्षेत्र के लिए जल संरक्षण, जल संचयन के कार्य प्राथमिकता के स्तर पर कराये जाएं। उन्होंने कहा कि आवासों, भूमि विकास और पशु आश्रय के कार्याें के साथ-साथ आधारभूत सुविधाओं सड़क, आंगनबाड़ी, शौचालय निर्माण आदि से सम्बन्धित कार्य भी कराये जाएं। उन्होंने कहा कि मजदूरी भुगतान में विलम्ब को कम करने के लिए मनरेगा कर्मियों को प्रशिक्षित किया जाए। केन्द्र सरकार से टिकाऊ परिसम्पत्तियों के निर्माण के लिए सामग्री अंश में पर्याप्त धनराशि उपलब्ध कराने का भी अनुरोध किया जाए। पारदर्शिता को बढ़ावा देने के लिए मनरेगा में कार्य की मांग को दर्ज करने के लिए एक केन्द्रीकृत आॅनलाइन व्यवस्था प्रारम्भ की जाए। उन्होंने कहा कि प्रत्येक विकास खण्ड में वर्ष में कराये गये कार्याें की जांच की व्यवस्था भी हो।

श्री योगी ने प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत गत वर्ष की अवशेष 118 सड़कों के निर्माण को 15 जून, 2017 तक पूरा करने के निर्देश देते हुए कहा कि 2016-17 में स्वीकृत समस्त 680 सड़कों को जनवरी, 2018 तक पूरा किया जाए। उन्होंने कहा कि सड़क निर्माण कार्य में गुणवत्ता का विशेष ध्यान रखते हाॅट मिक्स प्लाण्ट का उपयोग किया जाए। साथ ही, उन्होंने कहा कि बुन्देलखण्ड की ही तरह 250 से अधिक की बसावटों को पूरे प्रदेश में पी0एम0जी0एस0वाई0 से आच्छादित करने के लिए केन्द्र सरकार को प्रस्ताव भेजा जाए। उन्होंने मार्गाें के अनुरक्षण कार्य में रुचि न लेने वाले व खराब कार्य करने वाले ठेकेदारों को पी0एम0जी0एस0वाई0 के कार्याें से डिबार किये जाने के निर्देश देते हुए कहा कि कार्यदायी विभागों-लोक निर्माण विभाग व ग्रामीण अभियन्ता विभाग द्वारा इन ठेकेदारों को ब्लैक लिस्ट कर दिया जाए।

श्री योगी ने राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन की समीक्षा करते हुए कहा कि ग्रामीण महिलाओं में स्वावलम्बन के लिए यह एक अच्छी योजना है, जिसमें कार्य योजना बनाकर ज्यादा से ज्यादा जनपदों के विकास खण्डों की गरीब महिलाओं को जोड़ा जाए।

मुख्यमंत्री ने राष्ट्रीय ग्रामीण पेयजल कार्यक्रम और विश्व बैंक सहायतित ‘नीर निर्मल परियोजना’ के साथ-साथ राज्य ग्रामीण पेयजल योजना की भी जानकारी प्राप्त की। उन्होंने कहा कि बुन्देलखण्ड के साथ-साथ प्रदेश के अन्य हिस्सों में पाइप पेयजल योजनाओं को पूरा कराया जाए। बुन्देलखण्ड में पेयजल समस्या के समाधान के लिए हैण्डपम्पों की स्थापना, रिबोरिंग एवं पाइप पेयजल की योजनाओं के जीर्णाेद्धार के कार्य भी पूरे कराये जाएं। उन्होंने कहा कि आर्सेनिक एवं फ्लोराइड प्रभावित बस्तियों व जनपदों में जलशोधन संयंत्रों की स्थापना समयबद्ध ढंग से पूरी की जाए।

उ0प्र0 जल निगम की कार्य प्रणाली पर नाराजगी जाहिर करते हुए मुख्यमंत्री ने कार्य संस्कृति में सुधार लाये जाने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि जल निगम की जवाबदेही सुनिश्चित की जाए और कार्याें का सम्पादन समयबद्ध ढंग से किया जाए। उन्होंने कहा कि राज्य ग्रामीण पेयजल योजना के तहत प्रदेश के 31 जनपदों में 160 पाइप पेयजल योजनाएं पूरी कर जलापूर्ति सुनिश्चित की जाए। इण्डिया मार्क-2 हैण्डपम्पों की स्थापना में मानकों का पालन हो। उन्होंने कहा कि एम0एल0ए0 तथा एम0एल0सी0 कोटे के अवशेष नये एवं रिबोर हैण्डपम्पों का कार्य विधायकों की संस्तुति पर पूरा कराया जाए।  इस अवसर पर मंत्रिमण्डल के सदस्य एवं वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे।

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