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किसानों को कीटपालन से संबंधित नवीनतम जानकारियां देने के लिए संचार माध्यमों से जोड़ा जाय: सत्यदेव पचैरी

उत्तर प्रदेशकृषि संबंधित

लखनऊ: प्रदेश के रेशम उद्योग मंत्री श्री सत्यदेव पचैरी ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि रेशम उत्पादन को बढ़ाने के लिए राजकीय रेशम फार्मों के समीप स्थित गांवों के शत-प्रतिशत किसानों को कीटपालन से जोड़ते हुए उन ग्रामों को माडल सिल्क ग्राम के रूप में विकसित किया जाय। इन सिल्क ग्रामों में वृक्षारोपण का कार्य मनरेगा से तथा उपकरण एवं कीटपालन गृह आदि की व्यवस्था विभाग द्वारा कराई जाय। उन्होंने कहा कि कृफको किसान संचार लिमिटेड से समन्वय स्थापित कर किसानों को मोबाइल सिम उपलब्ध कराया जाय, ताकि किसानों को समय-समय पर कीटपालन से संबंधित आवश्यक जानकारियां प्राप्त हो सकें।

श्री पचैरी आज रेशम निदेशालय के सभागार में विभागीय कार्यों की समीक्षा कर रहे थे। उन्होंने कहा कि किसानों की आय दोगुनी करने के लिए उन्हें परम्परागत खेती के साथ रेशम उद्योग से भी जोड़ा जाय। उन्होंने निर्देश दिए कि रेशम उत्पादन में वृद्धि और गुणवत्ता में सुधार हेतु अत्याधुनिक तकनीकी अपनाई जाय। इसके साथ ही तराई क्षेत्रों में रेशम उत्पादन के लिए किसानों तथा महिलाओं को प्रेरित करने के लिए व्यापक स्तर पर गोष्ठियों का आयोजन किया जाय।  रेशम उद्योग मंत्री ने कहा कि 300 रेशम किसानों को कृषि कुम्भ भेजा जायेगा तथा 375 कृषकों को अन्तर्राज्जीय प्रशिक्षण भी उपलब्ध कराया जायेगा। उन्होंने कहा कि केन्द्रीय रेशम बोर्ड द्वारा सहायतित परियोजनान्तर्गत जनपद बहराइच, कुशीनगर, महराजगंज एवं सोनभद्र में कृषक गोष्ठियां एवं जनपद सोनभद्र में कृषक मेले का आयोजन होगा।

श्री पचैरी ने विभागीय कार्यक्रमों एवं योजनाओं की गहन समीक्षा करते हुए शहतूती, एवं ऐरी सेक्टर में कीटपालन तथा कोया उत्पादन का शत-प्रतिशत लक्ष्य प्राप्त करने के सख्त निर्देश भी दिए। इसके अतिरिक्त उन्होंने रेशम विकास कार्यक्रमों की वित्तीय एवं भौतिक समीक्षा भी की।

अपर प्रमुख सचिव, रेशम श्री रमा रमण ने मंत्री जी को आश्वस्त किया कि आज समीक्षा बैठक में दिये गये निर्देशों का कड़ाई से अनुपालन सुनिश्चित कराया जायेगा। उन्होंने बताया कि इसके साथ ही नम्बर आफ वर्क को बढ़ाने के लिए रिसर्च कराई जायेगी, ताकि किसान वर्ष भर रेशम उत्पादन के क्रिया कलापों से जुड़े रहें। विभाग में रिक्त पदों पर शीघ्र भर्ती सुनिश्चित की जायेगी। उन्होंने जनपदीय अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे रेशम की खेती से होने वाले फायदें को किसानों को बतायें। ग्राम सभा की भूमि पर फार्म स्थापित कराने पर विशेष बल दिया जाय। मार्केटिंग स्ट्रक्चर को डवलप किया जाय। उन्होंने कहा कि जो जिले प्रोडक्शन में अच्छी प्रगति प्राप्त करेंगे, वहां के अधिकारियों/कर्मचारियों को पुरस्कृत किया जायेगा।

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