देहरादून: औद्योगिक भांग की खेती से लोगों की आमदनी बढ़ाई जा सकती है। दुनिया के 30 देशों में बड़ी मात्रा में भांग की खेती की जाती है। इसके 25,000 के
करीब उत्पाद है। विभिन्न उद्योगपतियों और विशेषज्ञों से विचार-विमर्श के बाद यह बात उभर कर आई। मुख्य सचिव शत्रुघ्न सिंह ने गुरूवार को सचिवालय में भांग की खेती की संभावनाओं, बाजार की उपलब्धता और रेगुलेशन पर चर्चा की।
विशेषज्ञों द्वारा बताया गया कि भांग के रेशेे (फाइबर) का इस्तेमाल आटोमोबाई, एयरोक्राफ्ट, टैक्सटाइल, फर्नीचर, कागज और पल्प उद्योग में किया जाता है। भांग से कैंसर, डायबटीज, ग्लूकोमा, एपेलप्सी जैसे तमाम रोगों की दवा बनाई जाती है। इससे भूकटाव रोकने और आक्सीजन में भी मदद मिलती है। बैठक में तय किया गया किय औद्योगिक भांग की खेती के लिए नियमावली बनाई जाय। तीन प्रतिशत से कम टीएचसी वाले भांग की प्रजाति की खेती की जाए। पर्वतीय क्षेत्रों में खाली पड़ी भूमि का उपयोग औद्योगिक इस्तेमाल में उपयोगी भांग की खेती के लिए की जाए। सुरक्षित बाजार व्यवस्था को भी चिन्ह्ति किया जाए। फार्मा इंडस्ट्री से जुड़ी इंडो आस्ट्रेलिया इंटरप्राईज कम्पनी का सहयोग लिया जा सकता है।