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एसटीएफ: पुलिस कार्यवाही में 05 अपहरणकर्ता गिरफ्तार, अपहृत सकुशल मुक्त

उत्तर प्रदेश

बांदा पुलिस एवं एसटीएफ उ0प्र0 की टीम द्वारा की गयी संयुक्त कार्यवाही में दिनांक-21.09.18 को थाना कोत0 नगर बांदा में हुई प्रदीप सिंह उर्फ नीलू सिंह की सनसनीखेज अपहरण की घटना से सम्बन्धित अपराधियों के साथ एक साहसिक मुठभेड हुई जिसमें अपहृत श्री प्रदीप सिंह को सकुषल अपहरणकर्ताओं से मुक्त कराते हुए गैंग के मुखिया सहित 05 अपराधियों को गिरफ्तार करते हुए घटना में प्रयुक्त उत्तराखण्ड से लूटी गयी स्कार्पियो व भारी मात्रा मे असलहे व कारतूस बरामद करने में पुलिस को उल्लेखनीय सफलता प्राप्त हुई।
गिरफ्तार अभियुक्त
1-    राजेन्द्र सिंह रावत उर्फ डाक्टर उर्फ विक्रम सिंह उर्फ हेमन्त सिंह निवासी कस्बा रावतसर (गुन्नौर के आगे) हाल निवासी ग्राम व थाना बाबूपुर, कचनार सिटी थाना एन-24 विजयनगर जबलपुर म0प्र0
2-    मंगल यादव पुत्र नत्थू उर्फ अषोक यादव निवासी मवई षिवलोचन का पुरवा जनपद बांदा।
3-    कमलेष सेन पुत्र कनछेदीलाल निवासी जुझारी थाना तेदूखेडा जिला नरसिंहपुर म0प्र0।
4-    राकेष विष्वकर्मा उर्फ राज तिजोरी वाला उर्फ रज्जू महराज निवासी तेंदूखेडा जनपद नरसिंहपुर म0प्र0
5-    राहुल लोधी पुत्र स्व0 सूरजप्रसाद लोधी निवासी संजीवनी नगर लोधी मोहल्ला जबलपुर म0प्र0।
बरामदगी
1-    पिस्टल 9 एम0एम0 01 अदद
2-    पिस्टल 315 बोर 03 अदद
3-    मैगजीन 9 एम0एम0 02 अदद
4-    मैगजीन 32 बोर 05 अदद
5-    खोखा कारतूस 9 एम0एम0 02 अदद
6-    खोखा कारतूस 32 बोर 02 अदद
7-    जिन्दा कारतूस 9 एम0एम0 16 अदद
8-    जिन्दा कारतूस 32 बोर 30 अदद
9-    मोबाइल लूट का 01 अदद (लावा)
10-    मोबाइल जिससे फिरौती मांगी गयी 01 अदद
11-    चष्मा काला टेप चस्पा किया-01 अदद
12-    नकद भारतीय मुद्रा-6500/-रूपये
13-    नकद नेपाली मुद्रा-260/-रूपये
14-    01 अदद स्कार्पियो (चे0नं0-ड।प्ज्।2ॅत्2भ्21 46123)
15-    01 अदद टाटा जेस्ट -इंजन नं0-ॅत्भ्4स्11012 डच् 20 ब्ळ 9871
दिनांक-21.09.18 को थाना कोत0 नगर अन्तर्गत चिल्ला बाईपास चैराहे के पास स्थित षषंाक ग्रेनाइट के मालिक श्री प्रदीप सिंह उर्फ नीलू सिंह निवासी अतर्रा का अपहरण 04 अज्ञात अपराधियों द्वारा उनके षो-रूम में घुसकर असलहों के बल पर करते हुए उन्ही की ट्रवेरा गाडी यू0पी0-90 एम-0003 में बैठाकर गाडी लेकर फरार हो गये। साथ में उनके कैष काउण्टर पर रखे 02 लाख 30 हजार रूपये भी लूट लिये थे। इस सम्बन्ध मे थाना कोत0 नगर जनपद बांदा में मु0अ0सं0-639/18 धारा-394/364 भादवि पंजीकृत किया गया।
इस सनसनी खेज घटना के अनावरण हेतु अपर पुलिस महानिदेषक इलाहाबाद जोन इलाहाबाद श्री एस0एन0 साबत द्वारा घटना स्थल का निरीक्षण करने के पष्चात कडे निर्देष दिये गये थे। घटना के अनावरण में सहयोग हेतु पुलिस महानिरीक्षक अमिताभ यष से अनुरोध किया गया था, जिस पर वरिश्ठ पुलिस अधीक्षक एस0टी0एफ0 द्वारा निरीक्षक श्री षैलेष प्रताप सिंह के नेतृत्व में एस0टी0एफ0 की एक टीम जनपद बांदा रवाना की गयी, जो जनपद पुलिस से समन्वय स्थापित करते हुए अपनी विषिश्टता का उपयोग करते हुए इस घटना के अनावरण हेतु निरन्तर प्रयासरत रही।
इसी क्रम में पुलिस उपमहानिरीक्षक चित्रकूटधाम परिक्षेत्र बांदा श्री मनेाज तिवारी द्वारा संदिग्धों के स्क्रेच बनवाने हेतु मुम्बई से एक विषेशज्ञ को बुलवाया गया था तथा अनावरण की दिषा में हो रहे प्रयासों का नियमित अनुश्रवण करते हुए आवष्यक दिषा निर्देष दिये जा रहे थे। घटना के तत्काल बाद ही बांदा पुलिस द्वारा कई टीमंे गठित कर अपराधियों के भागने के सम्भावित स्थानों पर चेकिंग व तलाष की गयी तथा उक्त रास्ते में पडने वाले तमाम सीसीटीवी कैमरों की फुटेज प्राप्त कर उनका गहनता से विष्लेशण किया गया। इससे यह तथ्य प्रकाष में आया कि अपराधी महोबा रोड की ओर भागे और वहां से छतरपुर तक गये थे। फुटेज से यह तथ्य प्रकाष में आया कि अपहृत की गाडी के साथ एवं संदिग्ध स्कार्पियो जिसका नं0-यू0के0-04 टी0वी0-0361 था, भी चल रही थी। इसके सम्बन्ध में उत्तराखण्ड पुलिस से सम्पर्क किये जाने पर ज्ञात हुआ कि यह गाडी हल्द्वानी से दिनांक-12.09.18 को लूटी गयी थी। इस सूचना के आधार पर पुनः विभिन्न टीमों का गठन करते हुए उत्तरांचल, म0प्र0 एवं छत्तीसगढ के अपहरणकर्ताओं के सम्बन्ध में सूचना संकलन हेतु भेजा गया। कल दिनांक-13.10.18 को प्र0नि0 थाना बिसण्डा को यह सूचना प्राप्त हुई कि अपहरणकर्ता द्वारा अपहृत नीलू सिंह के किसी मित्र से सम्पर्क कर 21 लाख रूपये की फिरौती मांगी गयी, जिसे देने के लिये कालिंजर-सतना बार्डर पर कल सुबह आने को कहा गया। पुलिस अधीक्षक बांदा द्वारा थाना बिसण्डा, बदौसा, अतर्रा एवं गिरवां के थाना प्रभारी तथा प्रभारी सर्विलांस सेल व स्वाॅट टीम के साथ एसटीएफ को भी कार्यवाही करने हेतु निर्देषित किया गया। अपर पुलिस अधीक्षक के पर्यवेक्षण में तीन टीमों का गठन करते हुए अपहरणकर्ताओं द्वारा बताये गये स्थान पर योजनाबद्ध तरीके से स्थापित होकर अपहृत की सकुषल बरामदगी व अपहरणकर्ताओं की गिरफ्तारी की रणनीति बनाकर रवाना किया गया। आज दिनांक-14.10.18 को लगभग 06.30 बजे दो संदिग्ध वाहन सतना से कालिंजर की तरफ आते देखकर पुलिस टीमों द्वारा रास्ते में उन्हे आत्मसमर्पण हेतु चेतावनी देते हुए ललकारे जाने पर दोनो वाहनों में बैठे बदमाषों द्वारा जान से मारने की नीयत से पुलिस टीम पर ताबड तोड करीब 17 राउण्ड फायर किये गये तथा वह भागने का प्रयास करने लगे जिन्हे जनपद पुलिस व एसटीएफ की टीमों द्वारा घेर लिया गया। इस पर बदमाष गाडियों से उतर कर पुनः पुलिस टीम पर ताबड-तोड फायर करने लगे जिससे स्वाॅट टीम के उ0नि0 श्री सन्तोश सिंह की बांह में गोली लगी जिससे वह घायल हो गये। पुलिस टीम द्वारा भी अदम्य षौर्य व साहस का परिचय देते हुए आत्मरक्षार्थ 06 राउण्ड फायर किये गये, जिससे एक बदमाष के पैर में गोली लगने से घायल हो गया, जिससे अपराधियों का मनोबल टूटा और एसटीएफ एवं जनपद पुलिस की टीमों द्वारा त्वरित कार्यवाही करते हुए 05 बदमाषों को गिरफ्तार कर लिया गया तथा 01 बदमाष जंगल झााडियों का लाभ उठाकर भागने में सफल रहा। साथ ही अपहृत नीलू सिंह जिसे पीछे चल रही जेस्ट गाडी में बैठाया गया था, को सकुषल अपराधियों से छुडा लिया गया। घायल बदमाष ने अपना नाम राजेन्द्र सिंह रावत बताया। प्रारम्भिक पूछताछ में उसने बताया कि वर्श-2003 में उसके द्वारा उत्तराखण्ड में 03 पुलिस कर्मियों की हत्या की गयी थी जिसमें सजा हो गयी है तथा वर्श-2016 में जनपद मैनपुरी के मुकदमें में जिला कारागार मैनपुरी से न्यायिक अभिरक्षा से फरार हो गया था। उसने यह भी बताया कि उसके विरूद्ध डेढ दर्जन से भी ज्यादा अभियोग उत्तरांचल, दिल्ली, उ0प्र0 व म0प्र0 में पंजीकृत हैं, जिसके सम्बन्ध में छानबीन की जा रही है। घायल अभियुक्त व उ0नि0 सन्तोश सिंह को उपचार हेतु तत्काल जिला चिकित्सालय बांदा रवाना किया गया, जहां उनकी स्थिति खतरे से बाहर बतायी जा रही है।
अभियुक्तों ने पूछताछ पर बताया गया कि उक्त अपहरण की योजना लगभग 02 माह पहले से बनायी गयी थी। अपहरण हेतु उसने अपने सहयोगी दिल्ली के अर्जुन सिंह से सम्पर्क करते हुए 01 चार पहिया गाडी और असलहों हेतु कहा। नीलू सिह के अपहरण के लिये मवई पर नत्थू यादव और उसके लडके मंगल यादव द्वारा मुखबिरी की गयी थी तथा नीलू सिंह के कारोबार और उसके आने जाने के रास्तों के बारे में सटीक सूचनाएं देता रहा। राजेन्द्र सिंह रावत के सम्बन्ध नेपाली युवकों से भी हैं, जिनके नाम खगेष बहादुर षाही, मिलन बहादुर विष्वकर्मा व भीम बहादुर षाही। अर्जुन सिंह द्वारा 4 असलहों का इन्तजाम कर लिये जाने पर राजेन्द्र उन असलहों को लेकर खगेष बहादुर के साथ बांदा आया और मंगल यादव से सम्पर्क किया। असलहों को मंगल यादव के पास रख दिया गया और टीम द्वारा नीलू सिंह के षो-रूम और उसकी गतिविधियों की रैकी की गयी। इसके बाद दिनांक-12.09.18 को राजेन्द्र अपने 02 साथियों के साथ हल्द्वानी गया और वहां से स्कार्पियो यू0के0-04 टी0वी0-0361 लूट ली। गाडी लेकर वह बहराइच से नानपारा सीमा के निकट ग्राम अचकउवा सन्तोश थारू के यहां गाडी खडी कर दी। दिनांक-17.09.18 को अपने तीनो नेपाली साथियों को लेकर राजेन्द्र बांदा आ गया। तभी से अपहरण के मौके की तलाष में था। दिनांक-21.09.18 को रात्रि लगभग 08.00 बजे मंगल यादव ने राजेन्द्र को सटीक सूचना दी कि नीलू सिंह अपने षो-रूम में केवल 03 स्टाफ के साथ मौजूद है। इस पर पूर्व योजना के साथ राजेन्द्र सिंह रावत, अर्जुन सिंह, खगेन्द्र और भीम बहादुर असलहों से लैस होकर षो-रूम में घुसे और कर्मचारियों को टेप से बांध कर डाल दिया और नीलू का अपहरण कर लिया। मतगवां छतरपुर तक नीलू सिंह की गाडी से ही उसे ले गये, वहां उसकी गाडी को छोड दिया और सभी लोक उत्तरांचल से लूटी गयी स्कार्पियो गाडी में बैठाकर जनपद नरसिंहपुर में तेंदूखेडा पहुंचे और अपहर्ताओं को बीएसएनएल के टेलीफोन एक्सचेंज के कमरे में रख दिया जिसकी निगरानी व देख रेख कमलेष सेन करता था जो राजू विष्वकर्मा उर्फ राजू तिजोरी वाला उर्फ रज्जू महराज का अत्यन्त निकट सहयोगी था। इस अपहरण के बारे में इन दोनो को पूर्व से ही जानकारी थी। अपहरण कर्ताओं ने अपहरण के कुछ दिन बाद अपहृत को टेलीफोन एक्सचेंज से रज्जू तिवारी के घर ले जाकर रख दिया था इसी दौरान उस गिरोह के सरगना राजेन्द्र सिंह को किसी दुर्घटना में आंखों और पसलियों पर गम्भीर चोंट आ जाने के कारण वह अपना इलाज कराता रहा, जिस कारण फिरौती की मांग नही की जा सकी। कुछ दिन पष्चात राजेन्द्र के ठीक हो जाने पर वह अपहृत को लेकर जबलपुर अपने प्रापर्टी डीलिंग के कार्यालय में रखे रहा। कल दिनांक-’13.10.18 को वह अपहृत को लेकर सतना आया और वहां से फिरौती की मांग की। रूपये लेकर अपहृत को मुक्त करने के लिये दोनो गाडियों से अपने साथियों सहित अपहृत को लेकर सतना कालिंजर बार्डर पर आया और पुलिस की गतिविधि के सम्बन्ध में टोह लेता रहा,
जब उसकी निगाह में पुलिस की कोई गतिविधि नही दिखाई दी तो रूपया लेने के लिये लगभग 06.15 बजे सतना कालिंजर मार्ग पर आगे बढा जिस दौरान उसकी मुठभेड हो गयी।
उल्लेखनीय है कि रज्जू महराज के चाचा लगातार 15 वर्शों तक नगरपालिका तेंदूखेडा से चेयरमैन रहे हैं, आगामी लोकसभा चुनाव में उनकी प्रत्याषी बनने में रूचि है, जिसके लिये उन्हे रूपये की आवष्यकता होना बताया गया, जिस कारण रज्जू द्वारा उक्त अपहरणकर्ताओं को सहयोग करना बताया गया। यह भी उल्लेखनीय है कि मंगलयादव और राजेन्द्र सिंह रावत को भी बांदा से कुछ लोगों द्वारा पुलिस द्वारा की जा रही कार्यवाही और उनकी गतिविधियों के सम्बन्ध में लगातार गोपनीय सूचनाएं दी जा रही थी।
उक्त घटना के सम्बन्ध में थाना कालिंजर जनपद बांदा पर मु0अ0सं0-79/18 धारा 307 भादवि व पुलिस मुठभेड एवं मु0अ0सं0-80/18, 81/18, 82/18, 83/18 धारा 3/25 आम्र्स एक्ट पंजीकृत किये गये हैं।

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