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महिला सशक्तीकरण एवं बाल विकास विभाग द्वारा केन्द्र सरकार की प्राथमिकताओं वाली संचालित योजनाओं एवं विभागीय कार्यों की समीक्षा करते हुएः सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत

उत्तराखंड

देहरादून: मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने सचिवालय में चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण तथा महिला सशक्तीकरण एवं बाल विकास विभाग द्वारा केन्द्र सरकार की प्राथमिकताओं वाली संचालित योजनाओं एवं विभागीय कार्यों की समीक्षा की।

मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि प्रदेश में लिंगानुपात को संतुलित करने की दिशा में विशेष प्रयासों की जरूरत है। उन्होंने सभी जिलाधिकारियों को निर्देश दिये कि प्रदेश में लिंगानुपात को संतुलित करने के लिए व्यापक स्तर पर जागरूकता अभियान चलाये जाए। स्वास्थ्य विभाग के अस्पतलों और आंगनबाड़ी केन्द्रों के लिंगानुपाल आंकड़ों को क्राॅस मैच करें, सही तस्वीर सामने आए। प्रभावी कार्ययोजना बनाएं। जहां भी जन्म के समय बालक-बालिक की संख्या में बड़ा अन्तर दिख रहा है। वहां जिलाधिकारी आंकड़ों वेरीफाई करें और आवश्यक कदम उठायें। स्वास्थ्य, शिक्षा, महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा लिंगानुपात को संतुलित करने के लिए समन्वय बनाकर जागरूकता कार्यक्रम चलाये जाए। उन्होंने कहा कि हर निजी अस्पताल में अल्ट्रासाउंड मशीनों में ट्रैकिंग सिस्टम लगाकर उनकी माॅनीटरिंग की जाए। उन्होंने निर्देश दिय कि तीन माह के अन्दर सभी अल्ट्रासाउंड मशीनों में ट्रैकिंग सिस्टम की व्यवस्था करना सुनिश्चित करें। सभी अस्पतालों एवं नर्सिंग होम में गुड्डा-गुड्डी बोर्ड लगाया जाये। सक्षम डाॅक्टर की पर्चीे के बिना गर्भपात की दवाइयों की बिक्री करने पर सख्त कार्रवाई की जाए। संस्थागत प्रसव को बढ़ावा दिये जाने की जरूरत है। मुख्यमंत्री ने कहा कि आयुष्मान भारत योजना की समय पर तैयारी कर ली जाए। 15 अगस्त 2018 तक इस योजना को प्रदेश में लाॅच किया जाना है।

मुख्यमंत्री ने सभी सीएमओ को निर्देश दिये कि अपने जिलों के सीएचसी एवं पीएचसी सेंटरों पर नियमित भ्रमण कर व्यवस्थाओं का जायजा लें। प्रतिमाह की भ्रमण रिपोर्ट प्रस्तुत करें। उन्होंने कहा कि कार्मिकों की एसीआर परर्फोमेंस के आधार पर दर्ज की जाए। मुख्यमंत्री ने कहा कि चारधाम यात्रा में श्रद्धालुओं की संख्या तेजी से बढ़ रही है, इसके दृष्टिगत चारों धामों एवं यात्रा मार्गों पर स्वास्थ्य सुविधाओं की पूर्ण व्यवस्था रखी जाए। वर्षा जनित रोगों के प्रति अभी से जागरूकता कार्यक्रम प्रारम्भ किये जाएं। आपातकालीन सेवा के लिए शीघ्र ही आने वाली 111 नई एम्बुलेंसों के लिए स्थान चिन्ह्ति किया जाए। मुख्यमंत्री ने कहा कि अस्पतालों की श्रेणी के अनुसार न्यूनतम आवश्यक उपकरणों की उपलब्धता सुनिश्चित की जाए। सरकारी अस्पतालों में अनिवार्य रूप से जेनरिक दवाइयों को ही लिखा जाए। उन्होंने कहा कि सरकार के विजन-2020 के लक्ष्यों को ध्यान में रखकर कार्य किये जाएं। 2020 तक राज्य सरकार ने मातृ-मृत्यु दर को 100 प्रति एक लाख से कम करने, शिशु-मृत्यु दर 30 प्रति एक हजार से नीचे लाने एवं 05 वर्ष से नीचे शिशु-मृत्यु दर 36 प्रति एक हजार से नीचे लाने का लक्ष्य रखा है।

प्रमुख सचिव श्रीमती राधा रतूडी ने बताया कि प्रदेश में प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना का प्रदर्शन औसत से अच्छा है। इसमें अनुमतियों की गति और तेज की जा सकती है। गर्भवती महिलाओं का अनिवार्य रूप से पंजीकरण किया जाए। नंदा गौरा योजना में महिला एवं बाल विकास विभाग तथा शिक्षा विभाग को और अधिक समन्वय बनाकर कार्य करना है। अतिकुपोषित बच्चों को प्रदान किया जाने वाला पौष्टिक आहार ऊर्जा अब आंगनबाड़ी केन्द्रों में सभी बच्चों को दिया जायेगा। इसके लिये आइसीडीएस, ग्राम्य विकास और महिला स्वयं सहायता समूहों के बेहतर तालमेल की जरूरत होगी। उत्तरकाशी, टिहरी, ऊधमसिंह नगर और अल्मोड़ा करे छोड़कर सभी जनपदों ने बेटी बचाओ बेटी पढाओ योजना का एक्शन प्लान केन्द्र सरकार को भेज दिया है।

सचिव स्वास्थ श्री नितेश झा ने बताया कि राज्य में 2716 स्वीकृत पदों के सापेक्ष 2266 चिकित्सक कार्य कर रहे है। 43 अस्पतालों में आॅनलाइन रजिस्ट्रेशन प्रारम्भ हो गया है। 35 अस्पतालों में टेली रेडियोलाॅजी की सुविधाएं आरम्भ हो चुकी है। उन्होंने बताया कि सूचना प्रोद्यौगिकी का उपयोग करके दूरस्थ क्षेत्रों में स्वास्थ्य सुविधाएं पहुंचाने के साथ ही टेलीमेडिसन, ई-औषधी, ई-रक्तकोष जैसी सुविधाओं से विभाग की कार्यप्रणाली में सुधार लाया जा रहा है।

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