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नए भारत की अर्थव्यवस्था के लिए संसाधन कुशलता और चक्रीय अर्थव्यवस्था को अपनाने की आवश्यकताः नीति आयोग

देश-विदेश

नई दिल्ली:  नीति आयोग के प्रधान सलाहकार और प्रधानमंत्री की आर्थिक मामलों की समिति के सदस्य सचिव श्री रतन पी. वटल तथा भारत में यूरोपीय संघ प्रतिनिधिमंडल के राजदूत श्री टोमास्ज कोजलोवस्की ने नीति आयोग द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में ‘स्टेट्स पेपर एंड वे फॉरवर्ड ऑन रिसोर्स एफिसियंसी एंड सर्कुलर इकोनॉमी’एवं ‘फोर सेक्ट्रोरल स्ट्रैटजी पेपर ऑन रिसोर्स एफिसियंसी ऑन स्टील, एल्युम्यूनियम, कंट्रक्शंस एंड डिमोलियूशंस वेस्ट, सेकंड्री मेटिरियल मेनैजमेंट इन इलैक्ट्रिकल एंड इलैक्ट्रोनिक्स सेक्टर’ शीर्षक से दो रिपोर्टों को जारी किया। यह कार्यक्रम नीति आयोग ने पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय तथा भारत में यूरोपीय संघ प्रतिनिधिमंडल के सहयोग से आयोजित किया था।

श्री रतन पी. वटल ने अपने संबोधन में संसाधन कुशलता (आईई) और चक्रीय अर्थव्यवस्था (सीई) के कारणों के बारे में विस्तार से बताया। उन्होंने कहा कि संसाधन, कुशलता रणनीति का उद्देश्य भारतीय अर्थव्यवस्था तथा उद्योग में संसाधनों के उपयोग के संदर्भ में कुशलता को बेहतर बनाने के लिए अनुशंसाएं प्रदान करना है। इसके तहत प्रगति की निगरानी के लिए संकेतकों को विकसित करना, संसाधन सुरक्षा को बेहतर बनाना तथा पर्यावरण पर होने वाले प्रभाव को कम करना है। नीति आयोग ने संसाधन कुशलता तथा चक्रीय भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए एक सुविधा प्रदाता की भूमिका निभाने का निर्णय लिया है। यह सरकार की सतत विकास लक्ष्यों के प्रति प्रतिबद्धता के अनुरूप है।

संसाधन कुशलता और चक्रीय अर्थव्यवस्था के अध्ययन रिपोर्ट में 30 अनुशंसाओं को शामिल किया गया है। इनमें से 14 अनुशंसाओं को प्राथमिकता वाले कार्यों के रूप में चिन्हित किया गया है।

श्री वटल ने संसाधन कार्य कुशलता परितंत्र में बदलाव के लिए कुछ कार्यों पर चर्चा की।

ए. आरई/सीई पर राष्ट्रीय नीति तैयार करना

बी. संसाधन कुशलता ब्यूरो स्थापित करना

सी. एक आधुनिक रिसाईकिल उद्योग

डी. आरई और सीई के लिए शोध व अनुसंधान का विकास

ई. अनौपचारिक क्षेत्र के लिए कौशल प्रशिक्षण और क्षमता निर्माण के कार्यक्रम

भारत में यूरोपीय संघ प्रतिनिधिमंडल के राजदूत श्री टोमास्ज कोजलोवस्की ने कहा कि आरई और सीई जलवायु परिवर्तन से बहुत गहरे जुड़े हुए है। तापमान को दो डिग्री से कम बढ़ने का उद्देश्य प्राप्त करना बहुत मुश्किल होगा। यूरोपीय संघ यूरोप और पूरे विश्व में अर्थव्यवस्था को अधिक सतत बनाना चाहता है। इससे वैश्विक प्रतिस्पर्धा बढ़ेगी, अर्थव्यवस्था का सतत विकास होगा और रोजगार के नए अवसरो का सृजन होगा। चक्रीय अर्थव्यवस्था पैकेज एक महत्वकांक्षी योजना है। इसमें अपशिष्ट प्रबंधन के लिए पुर्नउपयोग रिसाईकिल और जमीन भराव जैसे कार्यों पर विशेष बल दिया गया है। सदस्य देशों से अपेक्षा है कि वे 5 जुलाई, 2020 तक दिशा-निर्देश तैयार कर ले। यूरोपीय संघ की चक्रीय व्यवस्था का लक्ष्य है- 600 बिलियन यूरो की बचत, जो संघ के कुल कारोबार का 8 प्रतिशत है, रोजगार के 5,80,000 नए अवसरों का सृजन और 2030 तक कार्बन उत्सर्जन में 450 मिलियन टन की कमी लाना।

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