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ई-नाम से जुड़ने के मामले में अधिकतर राज्यों ने काफी प्रगति की है: श्री राधा मोहन सिंह

Agriculture and Farmers Welfare Minister ShriRadha Mohan Singh addressed representatives at e-NAM review meeting at Krishi Bhawan, New Delhi.
कृषि संबंधितदेश-विदेश

नई दिल्ली: केन्द्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री ने कहा है कि ई-नाम से जुड़ने के मामले में अधिकतर राज्यों ने अच्छी प्रगति की है। उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश इस संबंध में बधाई के पात्र हैं। छत्तीसगढ़ एवं तेलंगाना पहले ही इसमें गतिशील हैं | अन्य कई राज्यों ने भी प्रगति दर्शायी है। श्री राधा मोहन सिंह ने यह बात आज कृषि भवन, नई दिल्ली में ई-नाम की पर आयोजित समीक्षा बैठक में कही।

श्री सिंह ने कहा कि राज्य के अधिकारियों को किसानों के बीच जागरूकता अभियान चलाने के लिए सभी तरह के प्रयास करने चाहिए और किसानों और व्यापारियों को यह बताया जाना चाहिए कि वे ऑनलाइन बोली के जरिए अच्छा लाभ प्राप्त कर सकते हैं। यह कार्य रणनीतिक भागीदार के माध्यम से भारत सरकार भी कर रही है।

श्री राधा मोहन सिंह ने कहा कि देश में अंतर मंडी व्यापार और अंतर – राज्य व्यापार के लिए प्रयोगशालाओं में आधारभूत सुविधाओं की आवश्यकता है। इसके लिए कृषि मंत्रालय ने 13 सितंबर, 2017 को जांच पर एक कार्यशाला का आयोजन किया गया था जिसमें ई-नाम के सभी वर्तमान और शामिल होने वाले विचाराधीन राज्यों ने भाग लिया था। निर्माताओं ने विनिर्मित उपकरणों की प्रदर्शनी लगाई थी और कृषि उत्पादों की त्वरित और भरोसेमंद जांच के लिए बाजार में उपलब्ध प्रौद्योगिकियों के बारे में बताया गया था।

ई-नाम में ऑनलाइन ट्रेडिंग और सहभागिता को बढ़ावा देना के बारे में श्री सिंह ने कहा कि कुछ राज्यों जैसे- हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड ने सूचना दी है कि ऑनलाइन ट्रेडिंग वाले व्यापारियों के लिए यूजर/मार्केट शुल्क को कम करने के लिए उन्होंने कुछ कदम उठाए हैं। राजस्थान ने एक पुरस्कार- उपहार की शुरुआत भी की है।

कृषि मंडी सुधार- मॉडल एपीएलएम अधिनियम, 2017 के बारे में केन्द्रीय कृषि मंत्री ने बताया कि राज्यों में एक एकीकृत एकल बाजार को अपनाया जाना चाहिए जिससे अंतर-राज्य व्यापार की सुविधा प्राप्त हो सके। इस मॉडल अधिनियम में मंडी शुल्क को भी उचित स्तर पर सीमित किया गया है जिससे उपभोक्ताओं पर पड़ने वाला भार कम हो सके। इसके अतिरिक्त वैकल्पिक बाजार उपलब्घ कराने का भी अधिनियम में प्रावधान है, जिससे कि एक उदार कृषि बाजार किसानों को मिलेगा तथा उन्हें अपनी फसल का बेहतर मूल्य भी प्राप्त होगा।

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