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केरल बाढ़: पुतिन ने PM को पत्र लिखकर आपदा पर जताया दुख, कहा- हम आपके साथ है

देश-विदेश

नई दिल्ली: रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने केरल में बाढ़ में लोगों के जान-माल के नुकसान पर संवेदना जताते हुए कहा कि उनका देश ‘भारत के मित्रवत लोगों’ के दुख को साझा करता है. पुतिन ने 20 अगस्त को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को पत्र लिखकर कहा,‘‘ केरल में विनाशकारी बाढ़ की वजह से कई मनुष्यों की जान जाने पर हमारी गहरी संवेदनाएं स्वीकार करें. रूस भारत के मित्रवत लोगों के दुख को साझा करता है और प्राकृतिक आपदा में घायल हुए लोगों के जल्द स्वस्थ होने की उम्मीद जताता है. ’’ भारत में रूस के राजदूत निकाले कुदशेव ने केंद्र और राज्य द्वारा केरल में बचाव अभियान चलाने की तारीफ की. उन्होंने एक बयान में कहा कि उन्हें उम्मीद है कि बारिश रूकने के साथ बाढ़ का पानी उतरेगा और जल्द ही हालात सामान्य होंगे.

भारत में रूसी दूतावास ने बाढ़ में प्रभावित हुए परिवारों और दोस्तों के प्रति हमदर्दी और समर्थन जताया है. केरल में विनाशकारी बाढ़ से एक पखवाड़े में 223 लोगों की मौत हो गई है और 10 लाख से ज्यादा लोग बेघर हो गए हैं.

केरल की बाढ़ राष्ट्रीय आपदा नहीं बल्कि ‘गंभीर प्रकृति की आपदा’ घोषित
केंद्र सरकार ने केरल की विनाशकारी बाढ़ को राष्ट्रीय आपदा घोषित नहीं करके ‘गंभीर प्रकृति की आपदा’ घोषित किया है. राज्यसभा के सभापति एम. वेंकैया नायडू व लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने सोमवार को एक बयान में कहा कि केरल में बाढ़ की तीव्रता व परिमाण को ध्यान में रखते हुए भारत सरकार ने इसे गंभीर प्रकृति की आपदा घोषित किया है. केरल में आई बाढ़ और भूस्खलन की प्रबलता को देखते हुए यह सभी व्यवहारिक उद्देश्यों के लिए गंभीर प्रकृति की एक आपदा है.

केरल सदी की सबसे भयावह बाढ़ का सामना कर रहा है, जिसमें सैकड़ों लोगों की मौत हो गई और हजारों लोग विस्थापित व बेघर हो गए हैं. केरल में बारिश, बाढ़ और भूस्खलन में कम से कम 216 लोगों की मौत हुई है जबकि 7. 24 लाख विस्थापित लोगों ने 5,645 राहत शिविरों में शरण ले रखी है. नायडू व महाजन ने कहा है कि उन्होंने अपने एक महीने का वेतन केरल में राहत व पुनर्वास के लिए दान करने का फैसला किया है और उन्होंने सभी सांसदों से भी एक महीने का वेतन दान करने की अपील की है.

नायडू व महाजन ने यह भी कहा कि सांसद स्थानीय क्षेत्र विकास योजना (एमपीएलएडीएस) के तहत एक सांसद देश के किसी भी हिस्से में गंभीर प्रकृति की आपदा में प्रभावित जिले के लिए अधिकतम एक करोड़ रुपये के कार्य की सिफारिश कर सकता है. इनपुट भाषा से भी 

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