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सरकार ने मोटे अनाजों को बढ़ावा देने के लिए उनके न्‍यूतम समर्थन मूल्‍य में लागत की तुलना में 50 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि की है: राधा मोहन सिंह

कृषि संबंधितदेश-विदेश

नई दिल्ली: केन्‍द्रीय कृषि और किसान कल्‍याण मंत्री श्री राधा मोहन सिंह ने संयुक्त राष्ट्र खाद्य एवं कृषि संगठन के महानिदेशक श्री जोस गाजियानो डी सिल्वा  को पत्र लिखकर अनुरोध किया है कि आगामी वर्ष को अंतर्राष्ट्रीय मिलेट वर्ष के रूप में मनाया जाए।

पत्र में श्री सिंह ने आगे लिखा है कि माननीय प्रधान मंत्री श्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में सरकार सक्रिय रूप से मिलेट को बढ़ावा दे रही है। उच्च पोषक तत्वों के साथ-साथ जीवनशैली से जुड़े रोगों में इनके लाभ, जलवायु परिवर्तन के प्रति इनकी अनुकूलन क्षमता और छोटे और सीमांत किसानों के लिए जलवायु परिवर्तन की दृष्टि से कुशल जोखिम प्रबंधन आदि विशेषताओं को देखते हुए, भारत 2018 को “राष्ट्रीय मिलेट वर्ष” के रूप में मना रहा है। साथ ही जो क्षेत्र विशेष रूप से जलवायु परिवर्तन के लिए अतिसंवेदनशील हैं, उन क्षेत्रों में फसल चक्र में संशोधन करके खेती को बढ़ावा दिया जा रहा है।

कृषि‍ मंत्री ने पत्र में यह भी लिखा कि सरकार ने हाल ही में मिलेट के लिए न्‍यूनतम समर्थन मूल्‍य में उसके उत्पादन  लागत की तुलना में 50 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि की है। उन्होंने लिखा, “2022 तक किसानों की आमदनी को दोगुना करने की राष्ट्रीय प्रतिबद्धता हासिल करने के हमारे प्रयासों का यह एक महत्वपूर्ण घटक है।”

माननीय कृषि मंत्री ने रोम में अक्टूबर 1-5, 2018 के दौरान निर्धारित कृषि समिति (सीओएजी) की बैठक के 26 वें सत्र के एजेंडे में इस प्रस्ताव को शामिल करने का अनुरोध किया है। उन्होंने कहा कि खाद्य एंव कृषि संगठन द्वारा अपने सदस्य राष्ट्रों के समर्थन से इस प्रस्ताव को अपनाने से इसे यूएनजीए में स्थानांतरित किया जा सकेगा। जिससे आने वाले वर्ष के लिए इसकी घोषणा की जा सकेगी।

श्री सिंह ने पत्र में कहा है कि 5 जुलाई, 2018 को आयोजित कृषि समिति की ब्यूरो की बैठक में इस मामले को सदस्य देशों का समर्थन प्राप्त हुआ है। मिलेट के पोषक महत्व व जलवायु परिवर्तन के लिए अनुकूलन को देखते हुए, इन पोषक-अनाजों का उत्पादन बढ़ाने के साथ ही इन्हें ग्रामीण और शहरी उपभोक्ताओं के साथ-साथ अमीरों और गरीबों के फूड बास्केट में लाने के लिए वैश्विक प्रयासों को बढ़ाना देना बेहद आवश्यक है।

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