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मेघालय में पहली ‘स्वदेश दर्शन’ परियोजना का उद्घाटन

देश-विदेश

नई दिल्ली: मेघालय के मुख्यमंत्री श्री कॉनराड के. संगमा  ने पर्यटन मंत्रालय, भारत सरकार की ‘स्वदेश दर्शन’ योजना के तहत लागू “पूर्वोत्तर सर्किट का विकास: उमियम (झील दृश्य) – यू लुम सोहपेटबिनेंग- माउदिआंगडियांग – आर्किड लेक रिज़ॉर्ट” परियोजना का उद्घाटन किया। इस अवसर पर उमियम में मेघालय के पर्यटन मंत्री  श्री मेटबाह लिंगदोह, पर्यटन सचिव श्री योगेन्द्र त्रिपाठी  और मेघालय पर्यटन विकास निगम लिमिटेड के अध्यक्ष, श्री सम्बोर शुल्लाई भी उपस्थित थे।

पर्यटन मंत्रालय ने जुलाई, 2016 में 99.13 करोड़ रुपये की लागत वाली इस   “पूर्वोत्तर सर्किट का विकास: उमियम (झील दृश्य) – यू लुम सोहपेटबिनेंग- माउदिआंगडियांग – आर्किड लेक रिज़ॉर्ट” परियोजना को मंजूरी दी थी। इस परियोजना के तहत मंत्रालय ने  पारंपरिक हीलिंग केंद्र, जनजातीय कायाकल्प केंद्र, पर्यटक सूचना केंद्र, बहुउद्देशीय हॉल, लॉग हट्स, कैफेटेरिया, साउंड एंड लाइट शो, स्मारिका दुकानें, वाटर स्पोर्ट्स जोन, जिप लाइन, कैनोपी वॉक, ट्रेकिंग रूट, साइकिलिंग ट्रैक, अंतिम मील तक जुड़ाव, कारवां पार्किंग, सार्वजनिक शौचालय, और ठोस अपशिष्ट प्रबंधन जैसी सुविधाएं विकसित की हैं।

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पूर्वोत्तर क्षेत्र का विकास, पर्यटन मंत्रालय का मुख्य ध्यानकेन्द्रित क्षेत्र है। मंत्रालय ने इस क्षेत्र में घरेलू और अंतर्राष्ट्रीय पर्यटन के विकास के लिए अनेक पहल की हैं। इस क्षेत्र में पर्यटन के विकास में जो मुख्य चुनौतियां हैं उनमें गुणवत्तायुक्त बुनियादी ढांचा सेवाएं और इस क्षेत्र के पर्यटन उत्पादों के बारे में जागरूकता की कमी शामिल है।

मंत्रालय उपर्युक्त मुद्दों से निपटने के लिए अनेक गतिविधियां चला रहा है। एक ओर मंत्रालय ने ‘स्वदेश दर्शन’ और ‘प्रसाद’ जैसी प्रमुख योजनाओं के तहत इस क्षेत्र में पर्यटन बुनियादी ढांचे को बहुत महत्व दिया है। दूसरी ओर मंत्रालय ने अपनी इन्हीं योजनाओं के तहत सभी पूर्वोत्तर राज्यों को शामिल करके 1349.04 करोड़ रुपये की 16 परियोजनाओं को मंजूरी दी है। पर्यटन मंत्रालय, अन्य मंत्रालयों जैसे संस्कृति, पूर्वोत्तर विकास, सड़क परिवहन और राजमार्ग तथा नागर विमानन मंत्रालयों के साथ इस क्षेत्र में पर्यटन के विकास के लिए सक्रिय रूप से कार्य कर रहा है। मंत्रालय इस क्षेत्र की विविधताओं, पर्यटन उत्पाद और समृद्ध संस्कृति पर विशेष जोर देते हुए घरेलू और अंतर्राष्ट्रीय बाजारों में विशेष प्रोत्साहन कार्यक्रम चला रहा है। मंत्रालय ने पूर्वोत्तर क्षेत्र में पर्यटन और आतिथ्य सत्कार क्षेत्र में कुशल कर्मचारियों को उपलब्ध कराने के लिए होटल प्रबंधन और फूड क्रॉफ्ट संस्थान भी स्थापित किए है।

मंत्रालय के प्रयासों ने सकारात्मक परिणाम दर्शाने शुरू किए है और पिछले कुछ वर्षों के दौरान इस क्षेत्र में विदेशी पर्यटकों के आगमन में भी बढ़ोतरी हुई है। इस क्षेत्र में 2017 के दौरान कुल 1.69 लाख विदेशी पर्यटकों का आगमन हुआ, जो 2016 में आए 1.5 लाख पर्यटकों की तुलना में 16.7 प्रतिशत बढ़ोतरी को दर्शाता है। 2017 में घरेलू पर्यटकों का आगमन 95.7 लाख रहा, जबकि 2016 में 77.7 लाख घरेलू पर्यटक आए थे। इस प्रकार 2016 की तुलना में 22.8 प्रतिशत की दोहरे अंकों वाली प्रभावशाली बढ़ोतरी हुई। पर्यटकों की बढ़ती हुई संख्या ने इस क्षेत्र के स्थानीय लोगों के लिए बेहतर रोजगार के अवसर जुटाए है।

स्वदेश दर्शन योजना पर्यटन मंत्रालय की महत्वपूर्ण योजनाओं में से एक है। यह योजना एक सुयोजित और प्राथमिकता वाले तरीके से विषयक सर्किटों के विकास के लिए शुरू की गई है। इस योजना के तहत सरकार एक ओर पर्यटकों को बेहतर अनुभव और सुविधाएं उपलब्ध कराने और दूसरी ओर आर्थिक प्रगति को बढ़ावा देने के उद्देश्य से देश में गुणवत्तायुक्त बुनियादी ढांचे के विकास पर ध्यान केन्द्रित कर रही है। यह योजना 2014-15 में शुरू की गई थी और आज तक मंत्रालय ने 30 राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों में 5932.05 करोड़ रुपये लागत की 74 परियोजनाओं को मंजूरी दी है। इन परियोजनाओं में से 30 परियोजनाओं/प्रमुख घटकों के इस वर्ष तक पूरे होने की उम्मीद है।

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