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पुरस्कार चयन हेतु राज्य एवं परिक्षेत्र स्तरीय समिति का गठन: सत्यदेव पचैरी

उत्तर प्रदेश

लखनऊः उत्तर प्रदेश सरकार ने हथकरघा बुनकरों को प्रोत्साहित करने के लिए संत कबीर राज्य हथकरघा पुरस्कार योजना शुरू की है। योजना का मकसद बुनकरों में प्रतिस्पर्धा की भावना पैदा कर उन्हें उच्च किस्म के वस्त्र निर्माण हेतु प्रेरित करना है। इससे हथकरघा बुनकरों के उत्पादों की गुणवत्ता में सुधार होगा और उनकी आर्थिक स्थिति मजबूत होगी। योजना के प्रभावी  क्रियान्वयन हेतु शासन द्वारा आवश्यक दिशा निर्देश जारी करते हुए पुरस्कार चयन हेतु राज्य स्तरीय एवं परिक्षेत्र स्तरीय समितियों का गठन किया गया है।

यह जानकारी हथकरघा एवं वस्त्रोद्योग मंत्री श्री सत्यदेव पचैरी ने दी। उन्होंने बताया कि परिक्षेत्र स्तरीय हथकरघा पुस्कार के चयन हेतु जनपद के जिलाधिकारी की अध्यक्षता में सात सदस्यीय समिति का गठन किया गया है। समिति में संयुक्त निदेशक उद्योग, जिलाधिकारी द्वारा नामित दो बुनकर, क्षेत्रीय प्रबंधक यूपिका, प्रोजेक्ट आफिसर/आर0एम0एम0 उ0प्र0 राज्य हथकरघा निगम, प्रभारी अधिकारी बुनकर सेवा केन्द्र तथा परिक्षेत्रीय सह आयुक्त हथकरघा को सदस्य नामित किया गया है।

श्री पचैरी ने बताया कि इसी प्रकार राज्य स्तरीय हथकरघा पुरस्कार चयन हेतु प्रमुख सचिव हथकरघा एवं वस्त्रोद्योग की अध्यक्षता में नौ सदस्यीय समिति गठित की गई है। आयुक्त एवं निदेशक हथकरघा एवं वस्त्रोद्योग समिति के उपाध्यक्ष होंगे, जबकि विभागीय मंत्री द्वारा नामित 02 बुनकरों को सदस्य बनाया जायेगा। इनके अलावा चयन समिति में प्रबंध निदेशक यूपिका, प्रबंध निदेशक हथकरघा निगम, राजकीय केन्द्रीय टेक्सटाइल्स इंस्टीट्यूट कानपुर, निदेशक इण्डियन इन्स्टीट्यूट आफ टेक्नालाजी वाराणसी, प्रभारी अधिकारी बुनकर सेवा केन्द्र वाराणसी/मेरठ तथा योजनाधिकारी हथकरघा निदेशालय को भी सदस्य के रूप में शामिल किया गया है।

वस्त्रोद्योग मंत्री ने बताया कि संत कबीर राज्य हथकरघा पुरस्कार प्राप्त करने के लिए व्यक्तिगत बुनकर, समिति के बुनकर, मास्टर एवं व्यक्तिगत बुनकर संयुक्त रूप में तथा डिजाइनर एवं बुनकर संयुक्त रूप से आवेदन कर सकेंगे। आवेदन पत्र के साथ हथकरघा उत्पाद का सैम्पल भी प्रस्तुत करना आवश्यक होगा। उन्होंने बताया कि परिक्षेत्रीय सहायक आयुक्त हथकरघा शिविर लगाकर एवं अन्य माध्यमों से योजना का व्यापक प्रसार-प्रसार सुनिश्चित करेंगे, ताकि अधिक से अधिक बुनकरों को इससे जोड़कर उन्हें लाभान्वित किया जा सके। इसके पश्चात परिक्षेत्र स्तरीय समिति की बैठक कराकर पुरस्कार का चयन किया जायेगा। प्रथम पुस्कार के रूप में 20 हजार, द्वितीय पुरस्कार के रूप में 15 हजार तथा तृतीय पुरस्कार स्वरूप 10 हजार रुपये की नकद धनराशि दी जायेगी। परिक्षेत्र स्तरीय कुल 39 बुनकारों को पुरस्कृत किया जायेगा।

श्री पचैरी ने बताया कि राज्य स्तरीय हथकरघा पुरस्कार चार श्रेणियों में दिया जायेगा। श्रेणी-1 में साड़ी, ब्रोकेड, ड्रेस मेटेरियल, श्रेणी-2 में सूती दरी, ऊनी दरी, आसनी एवं दरेट, श्रेणी-3 में बेडशीट, बेडकवर, होम फर्नीशिंग तथा श्रेणी-4 में स्टोल, स्कार्फ, गमछा आदि को शामिल किया गया है। प्रथम, द्वितीय तृतीय पुरस्कार के रूप में क्रमशः 01 लाख, 50 हजार तथा 25 हजार रुपये प्रदान किये जायेंगे। राज्य स्तरीय पुरस्कारों की संख्या 12 होगी।

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