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Bike पर क्‍यों नहीं मिलता है कारों की तरह ऑफर?

Bike पर क्‍यों नहीं मिलता है कारों की तरह ऑफर?
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दिवाली से लेकर दिसंबर के आखिर तक कार खरीदने वालों को कंपनियां ढेर सारे ऑफर्स देती हैं. दिसंबर में स्‍टॉक क्‍लीयरेंस के लिए ऐसा करना कार कंपनियों की बाध्‍यता भी हो जाती है. तभी तो इन दिनों टाटा मोटर्स अपनी कारों पर एक लाख रुपए तक, मारुति 40 हजार रुपए तक और ऑडी अपने टॉप मॉडल्‍स पर लगभग 9 लाख रुपए तक की छूट दे रही है. अगर कारों पर ऐसे शानदार आफर मिल सकते हैं तो बाइक और टू व्हीलर्स पर क्यों नहीं.

कारों के मामले में स्‍टॉक क्‍लीयरेंस जरूरी
IndiaCarNews.com के संस्‍थापक और चीफ स्‍ट्रेटजिस्‍ट विकास योगी ने न्‍यूज18 हिन्‍दी को बताया कि स्‍टॉक क्‍लीयरेंस के लिहाज से कार कंपनियों के लिए दिसंबर के आखिर तक इस तरह की छूट देना जरूरी हो जाता है, क्‍यों‍कि दिसंबर में खरीदी गई कार और उसके तुरंत बाद जनवरी में खरीदी गई कार की रीसेल वैल्‍यू में फर्क हो जाता है. इसलिए लोग पुराने साल में बनी नई कार लेने से हिचकते हैं.

कुछ सप्‍ताह या कहिए एक महीने का यह अंतर कार मालिकों के लिए महंगा पड़ जाता है, क्‍योंकि दिसंबर में खरीदी गई कार का मॉडल ईयर एक साल पुराना माना जाता है. रीसेल कारों का बाजार काफी हद तक संगठित होता जा रहा है, लेकिन बाइक के मामले में ऐसा नहीं है. इस कारण भी मेक ईयर को लेकर कीमतों में अधिक फर्क नहीं आता है.

कारों का अपडेटेड मॉडल जल्‍द आता है
ऑटो एक्‍सपर्ट योगी के अनुसार, कार कंपनियां स्‍टॉक क्‍लीयरेंस इसलिए भी करती हैं, क्‍योंकि कारों का अपडेटेड वर्जन या मॉडल काफी जल्‍दी आ जाता है. इन सबके अलावा, 2018 का साल वैसे भी ऑटो की दुनिया के लिए काफी अहम रहने जा रहा है.

अगले साल कारों के उत्‍सर्जन मानकों के साथ ही सुरक्षा मानकों में भी बड़ी तब्‍दीली होने जा रही है. माना जा रहा है कि डूअल एयरबैग, एबीएस के साथ ही कारों के लिए क्रैश ट्रेस्‍ट पास करना भी जरूरी हो सकता है. इसलिए भी पुराने स्‍टॉक को खत्‍म करना जरूरी है.

मोटरसाइकिल के साथ नहीं हैं ये बातें
योगी के अनुसार, टू-व्‍हीलर्स के साथ ये बातें नहीं हैं. वे कार की तुलना में भले काफी सस्‍ते होते हैं, लेकिन उनकी यूटिलिटेरियन वैल्‍यू काफी अधिक होती है. इसलिए टू-व्‍हीलर्स की रीसेल वैल्‍यू में दिसंबर और जनवरी के कारण शायद ही कोई फर्क आता है. कार का रीवाइज्‍ड या अपडेटेड मॉडल जहां 1-2 साल में ही आ जाता है, वहीं टू-व्‍हीलर्स के नए मॉडल आने में अमूमन 6-7 साल लग जाते हैं.

दिसंबर-मार्च के बीच टू-व्‍हीलर्स खरीदने का माकूल समय
योगी के अनुसार, टू-व्‍हीलर्स खरीदने का उपयुक्‍त समय दिसंबर से मार्च तक होता है. इस दौरान कंपनियां बढ़ती प्रतिस्‍पर्धा के कारण कुछ न कुछ डिस्‍काउंट जरूर देती हैं. वैसे 2017 के मार्च-अप्रैल में टू-व्‍हीलर कंपनियों ने भी बीएस 2 से बीएस4 में शिफ्ट होने की शर्त के कारण स्‍टॉक क्‍लीय‍रिंग की थी, जिसके कारण उन्‍होंने भी भारी छूट दी थी.

( News18 हिंदी)

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