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कुम्भ मानवता का सबसे बड़ा आध्यात्मिक और सांस्कृतिक समागम: सीएम योगी आदित्यनाथ

उत्तर प्रदेश

लखनऊउत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने कहा कि कुम्भ मानवता का सबसे बड़ा आध्यात्मिक और सांस्कृतिक समागम है। इस परम्परा को हमारे ऋषि-मुनियों, श्रद्धालुओं तथा आम जनमानस ने हजारों वर्षों से सहेज कर रखा है। प्रत्येक वर्ष एक विशिष्ट नक्षत्रीय स्थिति में माघ माह में प्रयाग के त्रिवेणी संगम में श्रद्धालुओं को अमृृत्व की प्राप्ति होती है। उन्होंने कहा कि यूनेस्को द्वारा कुम्भ को ‘मानवता की अमूर्त सांस्कृतिक विरासत की सूची’ में सम्मिलित किया गया है।

मुख्यमंत्री जी ने यह विचार आज यहां इन्दिरा गांधी प्रतिष्ठान में इण्डिया टुडे द्वारा आयोजित ‘कुम्भ-2019 काॅन्फ्लुएन्स आॅफ माइन्ड्स’ कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए व्यक्त किए। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी द्वारा विगत 16 दिसम्बर को स्वयं गंगा जी के पूजन से प्रयागराज कुम्भ-2019 का शुभारम्भ किया गया। पहली बार वैश्विक स्तर पर 71 देशों के राजदूतों ने प्रयागराज कुम्भ-2019 को वैधानिक मान्यता देने का काम किया है।

मुख्यमंत्री जी ने कहा कि साढ़े चार सौ वर्षों में पहली बार प्रयागराज कुम्भ-2019 के श्रद्धालुओं को अक्षयवट व सरस्वती कूप के दर्शन का अवसर प्राप्त होगा। यह कुम्भ श्रद्धालुओं के लिए सुरक्षा व अच्छी व्यवस्था के लिए जाना जाएगा। वर्तमान सरकार आने के बाद ही कुम्भ को लेकर एक कार्य योजना तैयार की गई, जिसके दृष्टिगत कुम्भ मेला क्षेत्र को 3200 हेक्टेयर में बसाया गया है। इससे कुम्भ को दिव्य एवं भव्य, स्वस्थ व सुरक्षित बनाया जा सकेगा।

मुख्यमंत्री जी ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा श्रद्धालुओं को बेहतर आवागमन की सुविधा उपलब्ध कराने के लिए कुल 10 फ्लाईओवर एवं आर0ओ0बी0 का निर्माण, 06 अण्डरपास का फोरलेन चैड़ीकरण, 264 सड़कों का चैड़ीकरण, 64 चैराहों का सुदृढ़ीकरण व सौन्दर्यीकरण, मेला क्षेत्र में 250 कि0मी0 सड़कों का निर्माण तथा 22 पाण्टून पुलों का निर्माण कराया गया है। उन्होंने कहा कि प्रयागराज के सभी चिकित्सालयों में चिकित्सा सुविधाओं का विकास कराया गया है। सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम के लिए इंटीग्रेटेड कण्ट्रोल एण्ड कमाण्ड सेण्टर की स्थापना के साथ ही, 1400 से अधिक सीसीटीवी कैमरों से निगरानी व्यवस्था भी सुनिश्चित की गई है। साथ ही 40,000 से अधिक एल0ई0डी0 लाइटों की स्थापना से सम्पूर्ण मेला क्षेत्र को रोशन किया गया है।

मुख्यमंत्री जी ने कहा कि कुम्भ में इस बार स्वच्छता पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। इसके लिए 01 लाख 22 हजार शौचालयों की स्थापना कराई गई है। पहली बार प्रयागराज कुम्भ के श्रद्धालुओं, पर्यटकों के लिए जल, थल और नभ मार्ग से आने की व्यवस्था की गई है। इसके लिए प्रयागराज में नये एयर सिविल टर्मिनल का निर्माण कराया गया है। उन्होंने कहा कि पानी के जहाज, क्रूज का संचालन हो सके, इसके लिए जेटी की स्थापना भी करायी गई है।

मुख्यमंत्री जी ने कहा कि 192 देशों के प्रतिनिधि प्रयागराज कुम्भ-2019 में आएंगे। देश के हर सांस्कृतिक क्षेत्र का प्रतिनिधित्व इस कुम्भ मेले में देखने को मिलेगा। देश के 06 लाख गांवों के प्रतिनिधियों को भी इस कुम्भ में आमंत्रित किया गया है। उन्होंने कहा कि देश-विदेश से आने वाले पर्यटकों की सुविधा के लिए ‘टेण्ट सिटी’ विकसित की गई है। प्रयागराज कुम्भ-2019 अब तक का सबसे अनूठा कुम्भ होगा। इसमें पूरी दुनिया अपनी हिस्सेदारी कर रही है।

मुख्यमंत्री जी ने कहा कि 15 जनवरी को मकर संक्रान्ति के प्रमुख स्नान पर्व से 04 मार्च, 2019 को महाशिवरात्रि के प्रमुख स्नान पर्व के मध्य 21 जनवरी, 2019 को पौष पूर्णिमा, 04 फरवरी, 2019 को मौनी अमावस्या, 10 फरवरी, 2019 को बसंत पंचमी, 19 फरवरी, 2019 को माघी पूर्णिमा के प्रमुख पर्व सम्पन्न होंगे। उन्होंने कहा कि पौराणिक काल से गंगा-यमुना-सरस्वती की त्रिवेणी के संगम पर माघ मास में स्वतःस्फूर्त ढंग से महाकुम्भ, कुम्भ तथा माघ मेले का आयोजन होता रहा है। प्रयागराज नगर क्षेत्र में 20 लाख फुट दीवारों में भारतीय संस्कृति और कला की पेण्टिंग की गई है, जिससे देश-विदेश के श्रद्धालु भारतीय संस्कृति को जान सकें।

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