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देहरादून महानगर भाजपा कार्यसमिति की बैठक को सम्बोधित करते हुए: मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत

उत्तराखंड

देहरादून: मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने कहा कि प्रदेश के समग्र विकास के लिये राज्य सरकार सरकार द्वारा कारगर पहल करते हुए कई नीतिगत निर्णय लिये गये है। उन्होंने भाजपा कार्यकर्ताओं का आह्वान किया कि राज्य सरकार द्वारा संचालित योजनाओं एवं कार्यक्रमों की जानकारी आम जनता तक पहुंचाने में मददगार बने। इसके लिये उनके द्वारा स्वयं विकास के विभिन्न आयामों की जानकारी समय-समय पर कार्यकर्ताओं को भी उपलब्ध करायी जा रही है।

देहरादून महानगर भाजपा कार्यसमिति की बैठक को सम्बोधित करते हुए मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि प्रदेश के विकास के लिये उनके द्वारा एक साल पहले जो घोषणा की थी, उन पर कार्य आरम्भ हो चुका है। प्रदेश में रोजगार एवं विकास के लिये होने वाला पलायन चिंता का विषय है। यदि गांव में रोजगार के अवसर उपलब्ध हो जाए, तो इससे विशेषकर पर्वतीय क्षेत्रों से पलायन की समस्या का काफी हद तक समाधान हो सकेगा। इस दिशा में पहल करते हुए राज्य में प्रत्येक न्याय पंचायत पर ग्रोथ सेंटर स्थापित करने का नीतिगत निर्णय लिया जा चुका है। इसको लागू करने की प्रक्रिया भी शीघ्र आरम्भ की जायेगी। प्रदेश की आर्थिकी में महिलाओं का बहुत बड़ा योगदान है, इसके लिये महिला स्वयं सहायता समूहों को स्वरोजगार की विभिन्न योजनाओं से जोड़ा गया है। इसमें ’देवभोग प्रसाद योजना’ भी शामिल है। इस योजना के तहत श्री केदारनाथ में महिला स्वयं सहायता समूहों द्वारा 01 करोड 25 लाख रूपये का प्रसाद विक्रय किया गया है। इसका सीधा लाभ महिलाओं को होगा। इसके लिये राज्य सरकार द्वारा महिला स्वयं सहायता समूहों को 25 लाख रूपये तक का अनुदान दिया गया है। इसी क्रम में श्री बदरीनाथ में भी महिला स्वयं सहायता समूहों ने पिछले साल 19 लाख रूपये का प्रसाद विक्रेय किया। उन्होंने कहा कि इसी तरह गर्जिया, पूर्णागिरी, जागेश्वर, बागेश्वर, पाताल भूवनेश्वर, चण्डी मंदिर हरिद्वार के साथ ही हरकी पैड़ी में भी देवभोग प्रसाद योजना आरम्भ की जायेगी। इसमें भी स्थानीय उत्पादों का उपयोग प्रमुखता से किया जायेगा।

मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि प्रदेश में आने वाले करोड़ों पर्यटकों में से यदि 01 करोड़ पर्यटक भी 500 रूपये का प्रसाद क्रय करते है, तो इससे होने वाली आय का अंदाजा लगाया जा सकता है। उन्होंने कहा कि अगले वर्ष से ’देवभूमि पूजा सामग्री’ भी तैयार की जायेगी। जिसमें प्रदेश के औषधीय व सगंध पौध एवं पुष्पों का उपयोग किया जायेगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि कुपोषित बच्चों एवं महिलाओं के लिये मंडुवां, काला भट्ट, चौलाई आदि से तैयार किये गये राज्य के उत्पाद बेहतर साबित हुए है। इससे इन उत्पादों के कृषिकरण को भी बढ़ावा मिलेगा। उन्होंने कहा कि हम जनहित से जुड़े कार्यों व योजनाओं पर विशेष ध्यान दे रहे है। मुख्यमंत्री ने कहा कि डोईवाला में सीपेट का उद्घाटन किया जा चुका है, 01 सितम्बर से कक्षाएं आरम्भ हो जायेंगी। जिसमें 85 प्रतिशत सीट उत्तराखण्ड के लिये आरक्षित रहेंगी। पहले वर्ष में 1500 छात्रों को इसमें प्रवेश दिया जायेगा। शीघ्र ही निफ्ट की भी स्थापना की जायेगी। प्रदेश में साइंस सिटी भी स्थापित की जायेगी। पिरूल को भी स्वरोजगार से जोड़ा गया है। इसके लिये बहुआयामी योजना तैयार की गई है। मुख्यमंत्री ने कहा कि पानी भविष्य की चुनौती बन रहा है। गंगा के पानी में पिछले 50 सालों में 45 प्रतिशत की कमी आयी है। यदि हम 1700 मी.मी. वर्षा जल में से 0.5 प्रतिशत वर्षाजल भी संरक्षित कर सकें, तो पानी की काफी बचत की जा सकती है। उन्होंने इजराईल का उदाहरण देते हुए कहा कि वहां पर पानी की बहुत कमी है, उन्होंने वर्षा जल संरक्षण के बल पर पानी की जरूरतों को पूरा किया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि देहरादून की लगभग 70 प्रतिशत आबादी को ग्रेविटी का जल उपलब्ध कराने के लिये सौंग बांध का निर्माण 03 साल की बजाय 01 साल में पूर्ण किया जायेगा। जनवरी में इसका शिलान्यास किया जायेगा। कम समय में इस बांध का कार्य पूर्ण होने पर इसकी लागत 1200 करोड़ रूपये की बजाय 725 करोड़ रूपये आयेगी तथा इससे डेढ़ करोड़ रूपये बिजली बिल की बचत होगी। इसी प्रकार हल्द्वानी के लिये जमरानी बांध से ग्रेविटी का जल उपलब्ध कराया जायेगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि ऋषिकेश स्थित आईडीपीएल की लगभग 936 एकड़ भूमि प्रदेश सरकार को उपलब्ध हो गयी है। 20 हजार करोड़ के बाजार मूल्य वाली इस भूमि में से 200 एकड़ एम्स को दी जायेगी तथा 700 एकड़ में अन्तर्राष्ट्रीय स्तर का कन्वेशन सेन्टर स्थापित किया जायेगा। यह देश का अपने स्तर का पहल कन्वेशन सेंटर होगा। इससे प्रदेश को नई पहचान मिलेगी।

मुख्यमंत्री ने प्रदेश में अतिक्रमण हटाये जाने के सम्बंध में स्पष्ट किया कि यह कार्यवाही मा.न्यायालय के निर्देशों के क्रम में अमल में लायी जा रही है। अतिक्रमण हटाने के लिये समय सीमा बढ़ाये जाने के लिए राज्य सरकार मा.उच्चतम न्यायालय भी गई थी। उच्चतम न्यायालय द्वारा इस सम्बंध मे उच्च न्यायालय जाने को कहा है। इस विषय में राज्य सरकार उच्च न्यायालय मे पुनः अपना पक्ष रखेगी, मुख्यमंत्री ने कहा कि उच्च न्यायालय से अनुरोध किया जायेगा कि प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत प्रदेश के 1.40 लाख बेघर लोगों को आवास उपलब्ध कराये जाने है। बेघरों को घर उपलब्ध कराना राज्य सरकार की प्राथमिकता है। इसलिये इसमे मा.न्यायालय से छूट प्रदान करने की मांग की जायेगी इसके साथ ही वर्तमान में प्रदेश मे भारी वर्षा से आपदा की स्थिति है देहरादून में ही भारी वर्षा से अब तक 8 लोगों की मौत हो चुकी है। अधिकांश अधिकारी आपदा राहत के कार्यों से जुड़े है इसलिये भी इसमें राहत दिये जाने का अनुरोध मा.उच्च न्यायालय से किया जायेगा।

मुख्यमंत्री ने  कहा कि अल्मोडा की कोसी नदी के पुनर्जीवीकरण के लिये शिव जी की तपस्थली रूद्रधारी से इस पवित्र कार्यक्रम की शुरूआत की गई है। 167755 (एक लाख सड़सठ हजार सात सौ पचपन) पौधों का रोपण जन सहभागिता के माध्यम से करने का कीर्तिमान स्थापित हुआ है। इसमें 15 हजार लोगों द्वारा जन सहभागिता निभाई गई है। 23 ड्रोन कैमरों के माध्यम से इसकी फोटोग्राफी की गई। इसी कार्यक्रम के दौरान स्थानीय निवसी कु.शान्ति ने बताया कि आज ही उसका जन्मदिन भी है। इस अवसर पर उनके द्वारा 100 पौधे लगाये गये है। यह इस अभियान के प्रति उनका उत्साह उजागर करता है।

रविवार 22 जुलाई, 2018 को रिस्पना नदी के पुनर्जीवीकरण अभियान का शुभारम्भ करेंगे। इस अभियान के तहत 2.50 लाख पौंधो का रोपण किया जायेगा। जिसकी शुरूआत केरवां गांव एवं मोथरोवाला से की जायेगी। इस अभियान को देहरादून के सभी शिक्षण संस्थाओं, स्वंय सेवी संस्थाओं, विभिन्न संस्थानों के साथ ही आम जन सहभागिता के द्वारा संचालित किया जायेगा। रिस्पना नदी को ऋषिपर्णा के स्वरूप में पुनर्जीवित करने के अभियान की सफलता के लिए मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र ने सभी से सक्रिय सहयोग की भी अपेक्षा की है।

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