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29 साल बाद होलिका दहन पर बन रहा है ऐसा योग

अध्यात्म

ज्योतिषियों के मुताबिक होली इस वर्ष विशेष शुभ फलदाई है। बुधवार को होलिका दहन और गुरुवार को रंगों से होली खेली जाएगी। शुक्रवार को भैया दूज का पर्व मनाया जाएगा। बुधवार को इस बार होली पर 29 साल बाद विशेष योग बन रहे हैं। ज्योतिषाचार्य शिवशरण पारासर ने बताया कि 1990 के बाद यह योग आया है, जब होली पर शनि, गुरु की राशि धनु में रहेगी। बुध, शनि की राशि कुंभ में रहेगा। चंद्र, सिंह राशि में रहेगा। सूर्य, गुरु की राशि मीन में रहेगा। इस बार होली व्यापार के लिए लाभदायक रहेगी।

होली की पौराणिक कथा
हिंदू मान्यताओं के अनुसार हरि भक्त प्रहलाद का अंत करने के लिए उनके पिता हिरणाकश्यप ने कई तरह से प्रयास किए थे लेकिन सफलता नहीं मिली। हिरणाकश्यप को बहन होलिका ने एक युक्ति सुझाई। होलिका ने कहा कि उसे ब्रह्म देव ने वरदान दिया है कि अग्नि से जलेगी नहीं। इसलिए वह प्रहलाद को गोद में लेकर जलती आग में बैठ जाएगी। आग की लपटों में प्रहलाद भस्म हो जाएगा और वह जीवित बच जाएगी लेकिन भगवान विष्णु ने अपने भक्त प्रहलाद की रक्षा की।

उल्टे होलिका जलकर भस्म हो गई और प्रहलाद का बाल भी बांका नहीं हुआ। अंगारे प्रभु भक्त के लिए फूलों में तब्दील हो गए। तब से होलिका दहन की परंपरा है। भक्त प्रहलाद के जीवित होने पर लोगों ने अगले दिन खुशी मनाई। भगवान श्रीकृष्ण से भी होली खेलने की लीला जुड़ी है। गेहूं, सरसों, जौ, चना आदि फसल की पैदावार से भी इस पर्व को जोड़कर देखा जाता है।

ऐसे करें होलिका का पूजन
आचार्य डा. हरिगोपाल शर्मा के मुताबिक होलिका पूजन में हल्दी, रोली, चावल, धूप, दीप आदि अर्पित करें। ध्यान रखें दीप और धूप आदि ज्वलनशील पदार्थों को होलिका से दूर रखें। भोग अर्पण के बाद कच्चा सूत बांध कर परिक्रमा करें और ईश्वर से कामना करें कि होलिका में उनके सभी पाप कर्म जलकर भस्म हो जाएं। घर परिवार में शांति और भक्ति का माहौल बने। रात्रि में पूजन के बाद होलिका दहन करें। होलिका से अग्नि लेकर अपने घर जाएं। वहां गेहूं, ज्वार और चने बालियों को भून कर होलिका अर्पित करें और प्रसाद ग्रहण करें। चाहें तो होलिका में ही बालियों को भून लें।

बुधवार रात 8:58 के बाद करें होलिका दहन
इस वर्ष दिनांक 20 मार्च, 2019 बुधवार को सुबह 10:44 बजे तक चतुर्दशी तिथि रहेगी। इसके बाद 21 मार्च को सुबह 7:12 बजे तक पूर्णिमा रहेगी। अस्तु होलिका दहन दिनांक 20 मार्च 2019 के दिन करना सर्वसम्मत रहेगा। इस दिन भद्रा काल सुबह 10:44 बजे से रात 8:58 तक रहेगा। भद्रा काल में होलिका दहन को अशुभ माना गया है। 20 मार्च को दोपहर 12:26 बजे के बाद होलिका पूजन शुभ रहेगा। होलिका दहन बुधवार की रात 8:58 बजे के बाद होगा।

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