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श्रमिकों के पंजीयन शुल्क व नवीनीकरण शुल्क को 50 रुपये घटाकर 20 रुपये किया गया

उत्तर प्रदेश

लखनऊ: उ0प्र0 के श्रम एवं सेवायोजन व समन्वय मंत्री श्री स्वामी प्रसाद मौर्य ने अपने विभाग की एक वर्ष की उपलब्धियों को गिनाते हुए कहा कि श्रम व सेवायोजन विभाग समाज के अंतिम पायदान पर खड़े व्यक्ति के कल्याण से जुड़ा है। श्रमिकों के उत्थान व बेहतरी के लिए अनेको योजनाएं संचालित की गयी हैं। उन्होंने कहा कि ऐसे पंजीकृत श्रमिक जिनके पास खुद की जमीन नहीं है और कच्चे मकान में रह रहे हैं, उन्हें आवास बनाने के लिए एक लाख रुपये की सहायता दी जा रही है। श्रमिकों की बच्चियों की शादी हेतु भी 65 हजार रुपये की मद्द दी जा रही है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री जी की प्रेरणा से इलाहाबाद में श्रमिकों के बच्चों की 177 जोड़े शादी सामूहिक विवाह कार्यक्रम में किया गया। श्रम मंत्री ने बताया कि सरकार बेरोजगारों को रोजगार के अवसर उपलब्ध कराने के प्रति गम्भीर है। इसके लिए आॅन लाइन पंजीकरण की सुविधा पोर्टल ेमूंलवरंदण्नचण्दपबण्पद पर उपलब्ध है। इस पोर्टल पर अभी तक 20.67 लाख  बेरोजगार तथा 8376 नियोजक पंजीकृत हैं तथा श्रम विभाग में 41 लाख मजदूर पंजीकृत हैं। उन्होंने कहा कि अभी तक आयोजित 626 रोजगार मेलों में 61040 बेरोजगार अभ्यर्थियों का चयन किया गया। उन्होंने कहा कि सरकार अगले 05 वर्षों में 70 लाख नवजवानों को रोजगार देगी। इसमें प्रदेश में निवेश आने पर 30 लाख, बुन्देलखण्ड डिफेंस काॅरीडोर बनने पर 33 लाख नवजवानों को रोजगार मिलेगा और शीघ्र ही 04 लाख भर्तियां सरकार लाने वाली है।

श्रम मंत्री आज मीडिया सेन्टर में प्रेस प्रतिनिधियों से वार्ता कर रहे थे। उन्होंने कहा कि  मजदूरों के बच्चों को शिक्षा मिले और वे समाज की मुख्य धारा से जुड़ सके इसके लिए कक्षा 01 से 05 तक 100 रुपये, 05 से 08 तक 150 रुपये, 8 से 10 तक 200 रुपये, 10 से 12 तक 250 रुपये, ग्रेजुएशन के लिए 500 रुपये, इंजीनियरिंग के लिए 3000 रुपये तथा मेडिकल की पढ़ाई हेतु 5000 रुपये की छात्रवृत्ति दी जा रही है। उन्होंने कहा कि पंजीकृत निर्माण श्रमिकों के बच्चों के लिए संत रविदास शिक्षा सहायता योजना के तहत 22351 छात्रों को 9604590 रुपये की छात्रवृत्ति वितरित की गयी। सरकार ने श्रमिकों के पंजीयन शुल्क को 50 रुपये घटाकर 20 रुपये कर दिया है तथा वार्षिक अंशदान को भी 50 रुपये से घटाकर 20 रुपये कर दिया है। वहीं श्रमिकों को सामान्य बीमारियों व चोट का इलाज कराने के लिए 3,000 रुपये की वार्षिक सहायता दी जाती है। श्रमिकों के परिवार हेतु शौचालय निर्माण में 12,000 रुपये की सहायता दी जा रही है। इसी प्रकार चिकित्सा शिक्षा योजनान्तर्गत 1,28441 श्रमिकों को 19.46 करोड़ रुपये की धनराशि दी गयी। उन्होंने बताया कि डेढ़ दर्जन श्रमिक अड्डों पर जागरूकता शिविर लगाकर 70 हजार श्रमिकों का पंजीयन किया गया तथा वाराणसी एवं बरेली में आयोजित वृहद श्रमिक कल्याण कैंप में 30,000 श्रमिकों को लाभ मिला।

श्रम मंत्री ने कहा कि उ0प्र0 सरकार ने श्रम सुधार की दिशा में आगे कदम बढ़ाते हुए प्रदेश में औद्योगिकरण को बढ़ाने एवं निवेशकों के लिए बेहतर वातावरण सृजित करने हेतु 15 जाटिल श्रम अधिनियमों के संशोधन का प्रस्ताव राष्ट्रपति को प्रेषित किया। सरकार ने छोटे एवं लघु उद्यागों को भी कारखाना अधिनियम व संविदा श्रम अधिनियम से मुक्त कर दिया है। उन्होंने कहा कि बाल एवं बंधुआ श्रमिकों का चिन्हांकन करते हुए उनके पुनर्वास हेतु सरकार पूरी तरह गम्भीर है। उन्होंने कहा कि दुकानों एवं कारखानों में श्रमिकों के ओवर टाइम की अवधि में वृद्धि की गयी है तथा महिला कर्मकारों को रात्रि में भी काम करने की अनुमति मिली।

उन्होंने कहा कि चालू वित्तीय वर्ष में कुल 3093 बाल श्रमिक चिन्हित किये गये और 500 नियोजकों के विरूद्ध कानूनी कार्रवाई की गयी। इसके साथ ही आईजीआरएस पोर्टल पर प्राप्त शिकायतों में से लगभग 90 प्रतिशत जन शिकायतों का समयबद्ध निस्तारण किया गया। उन्होंने कहा कि नया सवेरा योजना के तहत 369 गांवों का सर्वेक्षण कर 6 से 14 वर्ष के 7965 कामकाजी बच्चों को चिन्हित किया गया। इसी प्रकार अभी तक 1657 बन्धुआ श्रमिक चिन्हित कर इनमें से 1110 श्रमिकों के  पुनर्वासन हेतु 658 लाख रुपये की धनराशि वितरित की गयी।

श्री मौर्य ने कहा कि असंगठित क्षेत्र के कर्मकारों के प्रति राज्य सरकार बेहद संवदेनशील है। ऐसे कर्मकारों के पंजीयन की आसान व्यवस्था की गयी है। इसके अलावा विभिन्न श्रम अधिनियमों के अन्तर्गत 5441 वादों का निस्तारण कर 9802 श्रमिकों को 7277.22 लाख रुपये की धनराशि का भुगतान किया गया। उन्होंने कहा कि विभिन्न श्रम अधिनियमों के अन्तर्गत पंजीयन, लाइसेन्सिंग व नवीनीकरण के तहत 28,763 प्रतिष्ठान पंजीकृत किये गये और इससे 469.84 लाख रुपये का राजस्व अर्जित किया गया। उन्होंने बताया कि उ0प्र0 श्रम कल्याण परिषद द्वारा संचालित 05 योजनाओं के तहत 948 लाभार्थियों को कुल 70 लाख रुपये की धनराशि वितरित की गयी। उन्होंने कहा कि अभी तक 1622 कारखानों का निरीक्षण कर 189 के विरूद्ध वाद दायर किया गया और दोषियांे से 11.36 लाख रुपये वसूला गया। उन्होंने कहा कि श्रमिकों के घातक रोगों के इलाज हेतु महंगी औषधियों की उपलब्धता सुनिश्चित की गयी है। इसके लिए सरकार ने नई औषधि क्रय नीति जारी की है।

प्रेसवार्ता में श्रम एवं सेवायोजन राज्यमंत्री श्री मनोहर लाल (मन्नु कोरी) अपर मुख्य सचिव श्रम एवं सेवायोजन श्री राजेन्द्र कुमार तिवारी के साथ विभाग के उच्च अधिकारी उपस्थित थे।

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