37 C
Lucknow
Online Latest News Hindi News , Bollywood News

भारत सरकार, उत्तराखंड सरकार एवं विश्व बैंक ने उत्तराखंड के पहाड़ी राज्य में जलापूर्ति सेवाओं की सुविधाएं बेहतर बनाने के लिए 120 मिलियन डॉलर के ऋण समझौते पर हस्ताक्षर किये

देश-विदेश

नई दिल्ली: भारत सरकार, उत्तराखंड सरकार एवं विश्व बैंक ने आज नई दिल्ली में उत्तराखंड के पहाड़ी राज्य के ‘नगरीय-शहरी क्षेत्रों’ में जलापूर्ति सेवाओं की सुविधाएं बेहतर बनाने के लिए 120 मिलियन डॉलर के ऋण समझौते पर हस्ताक्षर किये।

इस परियोजना के लिए समझौते पर हस्ताक्षर भारत सरकार की तरफ से वित्त मंत्रालय के आर्थिक मामले विभाग के संयुक्त सचिव श्री समीर कुमार खरे; उत्तराखंड सरकार की तरफ से पीने के पानी तथा स्वच्छता विभाग में सचिव श्री अरविंद कुमार हयांकी; एवं विश्व बैंक, इंडिया के कार्यवाहक कंट्री डायरेक्टर श्री इशाम आब्दो ने विश्व बैंक की तरफ से किया।

शहरी क्षेत्रों के लिए उत्तराखंड जल आपूर्ति कार्यक्रम राज्य सरकार को जल आपूर्ति बढ़ाने तथा ‘नगरीय-शहरी क्षेत्रों’ में स्थाई जलापूर्ति सेवा आपूर्ति प्रदायगी सुनिश्चित करने में मदद करेगा। यह नगरीय क्षेत्रों के लिए एक सेवा केंद्रित तथा प्रभावी जलापूर्ति नीति के निर्माण एवं कार्यान्वयन करेगा तथा वर्तमान निगरानी एवं  मूल्यांकन प्रणालियों को सुदृढ़ बनाएगा। साथ ही ‘नगरीय-शहरी क्षेत्रों’ में जलापूर्ति की ‘मास्टर प्लान’ तैयार करने तथा उसे लागू करने के लिए समर्पित प्रोत्साहन उपलब्ध कराएगा।

विकास एवं शहरीकरण की वजह से ‘नगरीय-शहरी क्षेत्रों’ में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है जिन्हें ग्रामीण के रूप में वर्गीकृत किया जाता है लेकिन ये प्रकृति (आबादी के घनत्व, अर्थव्यवस्था की संरचना तथा लोगों की आकांक्षाओं के लिहाज से) में प्रभावी रूप से शहरी हैं। 2001 से 2011 तक राज्य की शहरी आबादी में लगभग 42 प्रतिशत की वृद्धि हुई है जो कि 32 प्रतिशत के राष्ट्रीय औसत से काफी अधिक है।

इस अवसर पर भारत सरकार की तरफ से वित्त मंत्रालय के आर्थिक मामले विभाग के संयुक्त सचिव श्री समीर कुमार खरे ने बताया कि राज्य के नगरीय-शहरी क्षेत्रों में रहने वाले 700,000 से अधिक लोगों के इस कार्यक्रम से लाभान्वित होने की उम्मीद है।

इस अवसर पर लीड जलापूर्ति एवं स्वच्छता विशेषज्ञ तथा इस कार्यक्रम के विश्व बैंक की टास्क टीम लीडर सुश्री स्मिता मिश्रा ने कहा कि तेजी से बढ़ते आर्थिक विकास कार्यक्रम के साथ नगरीय-शहरी क्षेत्रों में जलापूर्ति समेत बेहतर सार्वजनिक सेवाओं की मांग में बढ़ोतरी हुई है। उन्होंने कहा कि यह कार्यक्रम अब राज्य के लिए प्राथमिकता बन चुका है क्योंकि यह 2030 तक शहरी क्षेत्रों में एवं 2022 तक ग्रामीण क्षेत्रों में सार्वभौमिक जलापूर्ति कवरेज के अपने लक्ष्य को अर्जित करने की दिशा में कदम बढ़ा रहा है।

Related posts

Leave a Comment

This website uses cookies to improve your experience. We'll assume you're ok with this, but you can opt-out if you wish. Accept Read More