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तिमाही रोजगार सर्वेक्षण (जुलाई-सितम्‍बर, 2017)

देश-विदेश

नई दिल्लीः श्रम ब्‍यूरो अप्रैल 2016 से तिमाही रोजगार सर्वेक्षण (नई श्रेणियां) आयोजित करता आ रहा है जिसका उद्देश्‍य उत्‍तरोतर तिमाहियों के दौरान रोजगार की स्थिति में सापेक्ष परिवर्तन का अनुमान लगाना है जिसमें कि 8 बड़े क्षेत्रों यथा विनिर्माण, निर्माण, व्‍यापार, परिवहन, शिक्षा, स्‍वास्‍थ्‍य, आवास तथा रेस्‍टोरेंट और आईटी/बीपीओ जैसे गैर-कृषि औद्योगिक अर्थव्‍यवस्‍था के बड़े‍ हिस्‍से को शामिल किया जाता है। इस सर्वेक्षण में 10 या इससे अधिक संख्‍या में कर्मचारियों वाली स्‍थापनाओं को शामिल किया जाता है। छठीं आर्थिक गणना (छठीं ईसी) के अनुसार इन 8 क्षेत्रों में 10 या इससे अधिक कर्मियों वाले (संगठित क्षेत्र) की इकाईयों में कुल रोजगार के 81% व्‍यक्ति काम करते हैं।

प्रथम रिपोर्ट के परिणामों से पता चला है कि 8 चुनिंदा क्षेत्रों में 1 अप्रैल, 2016 को कुल अनुमानित रोजगार 205.22 लाख था। इसके बाद की रिपोर्टों में दूसरी तिमाही के तिमाही रोजगार सर्वेक्षण से छठीं तिमाही रोजगार सर्वेक्षण तक निरंतर सकरात्‍मक परिवर्तन देखने में आए, दूसरी तिमाही में अर्थात 1 जुलाई, 2016 में 1 अप्रैल, 2016 से 77 हजार रोजगारों का अनुमान था जो कि तीसरी तिमाही में 32 हजार, चौथी तिमाही में 1.22 लाख तथा पांचवी तिमाही में 1.85 लाख और छठीं तिमाही में 64 हजार अनुमानित रहा।

मौजूदा सातवीं तिमाही रोजगार सर्वेक्षण रिपोर्ट के परिणामों से पता चलता है कि पिछली तिमाही अर्थात 1 जुलाई, 2017 से 1 अक्‍टूबर, 2017 के दौरान अखिल भारतीय स्‍तर पर आठों क्षेत्रों में 1.36 लाख कर्मकारों की भारी सकारात्‍मक वृद्धि दर्ज की गई। पिछले वर्ष (1 अक्‍टूबर, 2016 की तुलना में 1 अक्‍टूबर, 2017) की तदनुरूपी अवधि की तुलना में तिमाही रोजगार सर्वेक्षण के सातवें दौर में रोजगार में वार्षिक परिवर्तन 2.5%अधिक प्रदर्शित हुआ। क्षेत्रों के अलग-अलग विवरणों से पता चलता है कि आठ में से सात क्षेत्रों में अर्थात विनिर्माण क्षेत्र (+89 हजार), शिक्षा क्षेत्र (+21 हजार), परिवहन क्षेत्र (+2 हजार), आईटी/बीपीओ क्षेत्र (+1 हजार) में सकारात्‍मक परिवर्तन रहा तथा केवल एक क्षेत्र यथा निर्माण क्षेत्र में पिछली तिमाही की तुलना में (-22 हजार) थोड़ा सा नकारात्‍मक बदलाव आया। निर्माण क्षेत्र में यह नकारात्‍मक बदलाव भवन निर्माण तथा भवनों के पूरी तरह तैयार किए जाने के कारण रहा। ऐसा मौसमी तथा त्‍यौहारिक गतिविधियों के कारण हो सकता है।

रोजगार में 1.36 लाख के कुल अनुमानित बदलाव में से महिलाकर्मी (+) 74 हजार तथा पुरूषकर्मी (+) 62 हजार के बराबर हैं। नियमित कर्मियों की संख्‍या में भी 65 हजार तक का महत्‍वपूर्ण सकारात्‍मक बदलाव देखने में आया जो संविदा तथा नैमितिक कर्मियों का सकारात्‍मक बदलाव क्रमश: 44 हजार तथा 23 हजार रहा है।

तिमाही रोजगार सर्वेक्षण के परिणामों को नीचे उल्‍लेखित तिमाही रोजगार सर्वेक्षण की सीमाओं के मद्देनजर देखा जाना चाहिए।

छठीं आर्थिक गणना (2013-14) से पता चलता है कि 58.5 मिलियन स्‍थापनाएं परिचालन में थी जिनमें 131.29 मिलियन लोग कार्यरत थे। इसके अलावा 58.5 मिलियन स्‍थापनाओं में से 1.4% स्‍थापनाओं में 10 या अधिक व्‍यक्ति रोजगार में लगे थे। उपर्युक्‍त आठ बड़े क्षेत्रों को 10 या इससे अधिक कर्मियों को रोजगार में लगाने वाली इन सभी स्‍थापनाओं की सूची, छठीं आर्थिक गणना (छठीं ईसी) में मौजूदा तिमाही रोजगार सर्वेक्षण के लिए नमूने के तौर पर प्रयोग में लाई गई थी।

चूंकि तिमाही रोजगार सर्वेक्षण (नई श्रृंखला) का खाका छठीं आर्थिक गणना से तैयार किया गया है। तिमाही रोजगार सर्वेक्षण में उन सभी कार्यकलापों को शामिल नहीं किया गया जो छठीं आर्थिक गणना की सीमा से बाहर थीं। इसके अलावा जो व्‍यापक गतिविधियां छठी आर्थिक गणना में शामिल की गई थी परंतु तिमाही रोजगार सर्वेक्षण, अर्थात चुनिंदा 8 क्षेत्रों के अलावा, में शामिल नहीं की गई थी। वे वित्‍तीय तथा बीमा ग‍तिविधियां, कृषि ग‍तिविधियां, फसल उत्‍पादन को छोड़कर, अन्‍य सेवाएं जो अन्‍यत्र श्रेणीबद्ध नहीं है, इत्‍यादि हैं।

इसके अलावा तिमाही रोजगार सर्वेक्षण उन नई इकाईयों से रोजगार आंकड़े एकत्र नहीं करती जो छठीं आर्थिक गणना के पश्‍चात अस्तित्‍व में आई हैं। छठीं आर्थिक गणना का क्षेत्रकार्य जनवरी, 2013 से अप्रैल, 2014 के बीच आयोजित किया गया था। प्रभावी तौर पर तिमाही रोजगार सर्वेक्षण में उन स्‍थापनाओं के रोजगार रूझान को शामिल किया गया है जिनका रोजगार दायरा लगभग 2.40 करोड़ कर्मियों का ही है जबकि कुल कर्मीदल में 47 करोड़ या इससे अधिक कर्मी हैं।

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